Banking/Finance
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Updated on 10 Nov 2025, 06:53 am
Reviewed By
Satyam Jha | Whalesbook News Team
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बजाज फाइनेंस के शेयर सितंबर तिमाही के नतीजों की घोषणा से पहले अपने सालाना उच्च स्तर के करीब कारोबार कर रहे हैं। सीएनबीसी-टीवी18 के विश्लेषकों की मानें तो कंपनी का प्रदर्शन दमदार रहने की उम्मीद है। नेट इंटरेस्ट इनकम (NII) में सालाना आधार पर 22% की वृद्धि होकर ₹10,786 करोड़ होने की संभावना है, और नेट प्रॉफिट 24% बढ़कर ₹4,886 करोड़ हो सकता है। प्रोविजन्स (प्रावधान) में पिछली तिमाही की तुलना में 6.5% की वृद्धि होकर ₹2,257 करोड़ होने का अनुमान है।
ध्यान देने योग्य मुख्य मेट्रिक्स में नेट इंटरेस्ट मार्जिन (NIMs) और संपत्ति की गुणवत्ता (asset quality) शामिल हैं। बजाज फाइनेंस के NIMs में पिछली तिमाही की तुलना में 9 बेसिस पॉइंट की वृद्धि होकर 9.62% होने का अनुमान है। क्रेडिट कॉस्ट के पिछली तिमाही के मुकाबले स्थिर रहकर लगभग 2% रहने की उम्मीद है।
कंपनी के बिजनेस अपडेट में ग्राहक आधार में वृद्धि दर्ज की गई, जो 110.64 मिलियन तक पहुंच गया, जो तिमाही में 4.13 मिलियन की वृद्धि है। बुक किए गए नए ऋणों में सालाना 26% की वृद्धि हुई, जो 12.17 मिलियन रहे। एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (AUM) में सालाना 24% की वृद्धि होकर ₹4,62,250 करोड़ हो गया, जिसमें तिमाही में लगभग ₹21,000 करोड़ का विस्तार हुआ। डिपॉजिट बुक में भी वृद्धि देखी गई, जो लगभग ₹69,750 करोड़ तक पहुंच गई।
प्रभाव: यदि कमाई की उम्मीदें पूरी होती हैं या उनसे बेहतर प्रदर्शन करती हैं, तो निवेशकों का विश्वास और बढ़ सकता है और स्टॉक की कीमत में और तेजी आ सकती है, जिससे उसका 52-हफ्ते के उच्च स्तर के करीब का स्थान और मजबूत होगा। इसके विपरीत, किसी भी बड़ी गिरावट से लाभ-वसूली (profit-booking) हो सकती है। रेटिंग: 8/10।
कठिन शब्द: नेट इंटरेस्ट इनकम (NII): संपत्ति (जैसे ऋण) से अर्जित ब्याज आय और देनदारियों (जैसे जमा) पर भुगतान किए गए ब्याज के बीच का अंतर। यह बैंक या एनबीएफसी की लाभप्रदता का प्राथमिक माप है। प्रोविजन्स (Provisions): संभावित भविष्य के नुकसान या देनदारियों को कवर करने के लिए कंपनी द्वारा अलग रखा गया धन। नेट इंटरेस्ट मार्जिन (NIMs): लाभप्रदता का एक माप जो नेट इंटरेस्ट आय की तुलना ब्याज-अर्जन संपत्ति की मात्रा से करता है। यह दर्शाता है कि कंपनी अपनी ब्याज-अर्जन संपत्ति और ब्याज-भुगतान देनदारियों को कितनी प्रभावी ढंग से प्रबंधित कर रही है। एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (AUM): एक वित्तीय संस्थान द्वारा अपने ग्राहकों की ओर से प्रबंधित की जाने वाली सभी वित्तीय संपत्तियों का कुल बाजार मूल्य।