Banking/Finance
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Updated on 12 Nov 2025, 03:00 pm
Reviewed By
Aditi Singh | Whalesbook News Team
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सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSBs) ने मजबूत वित्तीय प्रदर्शन का प्रदर्शन किया है, चालू वित्तीय वर्ष की अप्रैल-सितंबर अवधि के दौरान शुद्ध लाभ में लगभग 10% की वृद्धि दर्ज की है, जो कुल ₹1.78 लाख करोड़ है। यह वृद्धि बेहतर दक्षता को दर्शाती है, जिसमें संपत्ति पर रिटर्न 1.08% और धन की लागत 4.97% रही।
**मुख्य फोकस क्षेत्र और निर्देश:** एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक में, वित्त मंत्रालय ने पीएसबी से आग्रह किया कि वे कम लागत वाली जमाओं को जुटाने और ऋण वृद्धि को बढ़ावा देने की गति बनाए रखें, विशेष रूप से एमएसएमई और कृषि क्षेत्रों पर जोर देते हुए। चर्चाओं में वित्तीय प्रदर्शन, संपत्ति की गुणवत्ता, वसूली प्रक्रिया, डिजिटल परिवर्तन और सरकारी योजनाओं को शामिल किया गया।
**डिजिटल परिवर्तन और एआई:** बैठक में डिजिटल पहचान समाधानों पर प्रकाश डाला गया और बैंकिंग में 'मानव एआई अभिसरण' की खोज की गई, जिससे ग्राहक सेवा के लिए एआई को अपनाने को प्रोत्साहित किया जा सके। बैंकों को साइबर लचीलापन और परिचालन निरंतरता को मजबूत करने की सलाह दी गई।
**संपत्ति की गुणवत्ता और वसूली:** पीएसबी की संपत्ति की गुणवत्ता में सुधार हुआ है, जिससे एनपीए घटकर 0.52% हो गए हैं। एनएआरसीएल ने समाधान के लिए ₹1.62 लाख करोड़ का ऋण प्राप्त किया है। बैंकों को डिजिटल प्लेटफॉर्म का उपयोग करने और शुरुआती चेतावनी प्रणाली को मजबूत करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
**भविष्य की दृष्टि:** बैठक में स्टार्टअप लोन मॉड्यूल लॉन्च किया गया और 'विकसित भारत @ 2047' की ओर एक रोडमैप की रूपरेखा तैयार करते हुए पीएसबी मंथन 2025 रिपोर्ट जारी की गई। पीएसबी से वित्तीय अनुशासन बनाए रखने और विवेक और नवाचार के साथ बैंकिंग परिवर्तन का नेतृत्व करने का आग्रह किया गया।
**प्रभाव** इस खबर का भारतीय शेयर बाजार पर, विशेष रूप से बैंकिंग क्षेत्र पर, महत्वपूर्ण सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। बेहतर लाभप्रदता, घटते एनपीए और प्रमुख विकास क्षेत्रों पर सरकारी ध्यान पीएसबी के लिए वित्तीय स्वास्थ्य और भविष्य की क्षमता का संकेत देते हैं। यह इन बैंकिंग शेयरों में निवेशकों का विश्वास बढ़ा सकता है और समग्र बाजार स्थिरता और विकास में योगदान कर सकता है।
**कठिन शब्द:** * **MSME**: माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज के लिए। ये छोटे से मध्यम स्तर के व्यवसाय होते हैं जो आर्थिक विकास और रोजगार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। * **NPA**: नॉन-परफॉर्मिंग एसेट। यह वह ऋण या अग्रिम है जिसके मूलधन या ब्याज का भुगतान एक निर्धारित नियत तारीख से 90 दिनों की अवधि के लिए अतिदेय (overdue) रहता है। * **संपत्ति पर रिटर्न (RoA)**: यह एक वित्तीय अनुपात है जो दर्शाता है कि कंपनी अपने कुल संपत्ति की तुलना में कितनी लाभदायक है। उच्च RoA का मतलब है कि कंपनी लाभ उत्पन्न करने के लिए अपनी संपत्ति का प्रबंधन करने में अधिक प्रभावी है। * **धन की लागत**: यह वह ब्याज व्यय है जो एक बैंक अपने परिचालन और ऋणों को निधि देने के लिए अपने उधारों (जैसे जमा और अन्य ऋण) पर भुगतान करता है। धन की कम लागत से आम तौर पर उच्च लाभप्रदता होती है। * **नेशनल एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड (NARCL)**: इसे अक्सर 'एसेट मैनेजमेंट कंपनी' या 'बैड बैंक' भी कहा जाता है। यह बैंकों और वित्तीय संस्थानों से तनावग्रस्त संपत्तियों (एनपीए) को समाधान के लिए अधिग्रहित करने के लिए स्थापित की गई है। * **BAANKNET**: संभवतः बैंकिंग लेनदेन, डिजिटल प्लेटफॉर्म या किसी विशिष्ट सरकार-समर्थित डिजिटल बैंकिंग अवसंरचना को सुविधाजनक बनाने वाला नेटवर्क। * **विकसित भारत @ 2047**: यह भारत सरकार की वर्ष 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने की दृष्टि है, जो उसकी स्वतंत्रता का 100वां वर्ष होगा। * **मानव एआई अभिसरण**: यह वह अवधारणा है जहाँ मानव बुद्धिमत्ता और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) मिलकर काम करते हैं, एक दूसरे की शक्तियों को पूरक बनाते हुए, ताकि विभिन्न क्षेत्रों, जिनमें बैंकिंग भी शामिल है, में बेहतर परिणाम प्राप्त किए जा सकें।