Banking/Finance
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Updated on 10 Nov 2025, 07:53 pm
Reviewed By
Abhay Singh | Whalesbook News Team
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चोलामंडलम इन्वेस्टमेंट एंड फाइनेंस कंपनी लिमिटेड वित्तीय वर्ष 2026 की दूसरी छमाही के लिए अपने वित्तीय प्रदर्शन में एक महत्वपूर्ण सुधार का अनुमान लगा रही है, जो कि पहली छमाही की सुस्ती के बाद आया है। प्रबंधन आशावादी है, अक्टूबर 2025 में देखी गई मजबूत वितरण गति (disbursement momentum) को देखते हुए। हालांकि वित्तीय वर्ष 26 के लिए कुल वितरण वृद्धि प्रारंभिक 10% के लक्ष्य से थोड़ी कम हो सकती है, कंपनी इसी अवधि के लिए अपने एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) में 20% से अधिक की वृद्धि हासिल करने की क्षमता में आत्मविश्वास रखती है। इस सकारात्मक दृष्टिकोण को हाल ही में जीएसटी दर युक्तिकरण (GST rate rationalisation) से अपेक्षित अतिरिक्त मांग से और समर्थन मिल रहा है। एक्सिस सिक्योरिटीज ने चोलामंडलम इन्वेस्टमेंट एंड फाइनेंस कंपनी लिमिटेड के लिए 'बाय' (Buy) की सिफारिश दोहराई है, 1,880 रुपये प्रति शेयर का लक्ष्य मूल्य निर्धारित किया है, जो लगभग 10% की ऊपरी क्षमता का प्रतिनिधित्व करता है। ब्रोकरेज ने कंपनी का मूल्यांकन 4.5 गुना वित्तीय वर्ष 2027 के बुक वैल्यू पर किया है। हालांकि पहली छमाही में विस्तारित मानसून और परिचालन संबंधी मुद्दों के कारण संपत्ति की गुणवत्ता (asset quality) से संबंधित कुछ चुनौतियां देखी गईं, प्रबंधन का मानना है कि क्रेडिट लागत अपने चरम पर पहुंचने के बाद घट सकती है। यह अनुमानित गिरावट, दूसरी छमाही में नेट इंटरेस्ट मार्जिन (NIMs) में अपेक्षित 10-15 बेसिस प्वाइंट की वृद्धि और स्थिर परिचालन व्यय के साथ मिलकर लाभप्रदता को बढ़ावा देने की उम्मीद है। विश्लेषकों का अनुमान है कि चोलामंडलम का रिटर्न ऑन एसेट्स (RoA) और रिटर्न ऑन इक्विटी (RoE) वित्तीय वर्ष 26-28 में क्रमशः 2.4-2.5% और 19-21% की सीमा में रहेगा। कंपनी 23% AUM, 24% नेट इंटरेस्ट इनकम (NII) और 28% आय में स्वस्थ मध्यम अवधि की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) के लिए भी तैयार है। प्रभाव: यह खबर चोलामंडलम इन्वेस्टमेंट एंड फाइनेंस कंपनी लिमिटेड के लिए एक सकारात्मक दृष्टिकोण का संकेत देती है, जिससे संभावित रूप से निवेशक का विश्वास और शेयर की कीमत में वृद्धि हो सकती है। यह नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी (NBFC) क्षेत्र, विशेष रूप से वाहन और व्यापार वित्त पर ध्यान केंद्रित करने वाली संस्थाओं के लिए मजबूत रिकवरी की संभावनाओं को दर्शाता है। एक्सिस सिक्योरिटीज जैसी प्रतिष्ठित ब्रोकरेज फर्म की 'बाय' सिफारिश से निवेशकों का ध्यान आकर्षित होने की संभावना है।