Banking/Finance
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Updated on 06 Nov 2025, 08:49 am
Reviewed By
Akshat Lakshkar | Whalesbook News Team
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चोलामंडलम इन्वेस्टमेंट एंड फाइनेंस कंपनी के स्टॉक में गुरुवार, 6 नवंबर को सितंबर तिमाही के वित्तीय नतीजे जारी होने के बाद 5% तक की बड़ी गिरावट देखी गई।
स्टॉक में गिरावट का मुख्य कारण कंपनी की संपत्ति की गुणवत्ता (asset quality) में क्रमिक गिरावट बताई जा रही है। आरबीआई परिसंपत्ति वर्गीकरण मानदंडों (RBI asset classification norms) के अनुसार, सकल गैर-निष्पादित संपत्ति (Gross NPA) जून तिमाही के 4.29% से बढ़कर 4.57% हो गई। शुद्ध एनपीए (Net NPA) में भी वृद्धि देखी गई, जो 2.86% से बढ़कर 3.07% हो गया। इसके अतिरिक्त, प्रावधान कवरेज अनुपात (Provision Coverage Ratio - PCR), जो खराब ऋणों के मुकाबले बफर को दर्शाता है, पिछले तिमाही के 34.41% से थोड़ा घटकर 33.88% हो गया।
इंड एएस (Ind AS) मानदंडों के तहत, स्टेज 3 संपत्तियां (Stage 3 assets) 3.35% रहीं, जो जून के 3.16% से अधिक है, और नेट स्टेज 3 संपत्तियां (Net Stage 3 assets) 1.8% से बढ़कर 1.93% हो गईं।
संपत्ति की गुणवत्ता की इन चिंताओं के बावजूद, अन्य प्रमुख वित्तीय संकेतक मजबूत बने रहे और बाजार की उम्मीदों के अनुरूप रहे। कंपनी का शुद्ध लाभ (Net Profit) इस अवधि में साल-दर-साल 20% बढ़कर ₹1,155 करोड़ हो गया, जो सीएनबीसी-टीवी18 (CNBC-TV18) पोल अनुमान ₹1,170 करोड़ के करीब था। शुद्ध ब्याज आय (Net Interest Income - NII), जो ऋण देने से होने वाली मुख्य आय है, पिछले वर्ष की तुलना में 24.5% बढ़कर ₹3,378 करोड़ हो गई, यह भी पोल अनुमानों के अनुरूप रहा। प्रावधान-पूर्व परिचालन लाभ (Pre-Provisioning Operating Profit) ₹2,458 करोड़ दर्ज किया गया, जो अनुमानित ₹2,482 करोड़ के करीब था।
प्रभाव: इस खबर का चोलामंडलम इन्वेस्टमेंट एंड फाइनेंस कंपनी के स्टॉक पर अल्पकालिक नकारात्मक प्रभाव पड़ने की संभावना है, क्योंकि निवेशकों की संपत्ति की गुणवत्ता को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं। एनपीए (NPA) में वृद्धि से प्रावधान (provisioning) बढ़ सकता है, जो भविष्य की लाभप्रदता को प्रभावित करेगा। यह भारतीय बाजार में अन्य गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFCs) के लिए एक चेतावनी संकेत के रूप में भी काम करता है, जिससे उनकी संपत्ति की गुणवत्ता मेट्रिक्स की जांच बढ़ सकती है। बाजार की यह प्रतिक्रिया एनबीएफसी (NBFC) मूल्यांकन के लिए संपत्ति की गुणवत्ता के महत्व को रेखांकित करती है। प्रभाव रेटिंग: 7/10
कठिन शब्द: * सकल एनपीए (गैर-निष्पादित संपत्ति): एक ऋण या अग्रिम जिसके लिए मूलधन या ब्याज भुगतान 90 दिनों या उससे अधिक समय तक अतिदेय (overdue) रहा हो। * शुद्ध एनपीए: सकल एनपीए माइनस उन एनपीए के लिए बैंक या वित्तीय संस्थान द्वारा की गई प्रावधानें। यह वास्तविक खराब ऋणों का प्रतिनिधित्व करता है जो प्रावधानों द्वारा कवर नहीं किए गए हैं। * प्रावधान कवरेज अनुपात (PCR): खराब ऋणों के लिए की गई कुल प्रावधानों का सकल एनपीए की कुल राशि से अनुपात। यह मापता है कि एक वित्तीय संस्थान ने अपने गैर-निष्पादित ऋणों को कितनी हद तक निर्धारित निधियों से कवर किया है। * स्टेज 3 संपत्तियां (Ind AS): भारतीय लेखा मानक (Ind AS) के तहत, स्टेज 3 में वर्गीकृत वित्तीय संपत्तियां वे हैं जिनके रिपोर्टिंग तिथि पर क्षरण (impairment) का वस्तुनिष्ठ प्रमाण होता है, जिसका अर्थ है कि उनसे महत्वपूर्ण नुकसान होने की उम्मीद है। यह मोटे तौर पर एनपीए के समान है लेकिन इंड एएस (Ind AS) सिद्धांतों के अनुसार गणना की जाती है। * शुद्ध ब्याज आय (NII): एक वित्तीय संस्थान द्वारा अपने ऋण देने की गतिविधियों (जैसे ऋण) से अर्जित ब्याज आय और अपने जमाकर्ताओं और अन्य ऋणदाताओं को भुगतान किए जाने वाले ब्याज के बीच का अंतर। यह वित्तीय संस्थानों के लिए लाभप्रदता का एक प्राथमिक उपाय है।