Banking/Finance
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Updated on 07 Nov 2025, 12:11 pm
Reviewed By
Aditi Singh | Whalesbook News Team
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जियो फाइनेंशियल सर्विसेज के चेयरमैन केवी कामत का मानना है कि भारत का बैंकिंग क्षेत्र कंसॉलिडेशन और बेहतर परिचालन दक्षता से प्रेरित होकर एक मजबूत नए चरण में प्रवेश कर रहा है। सीएनबीसी-टीवी18 ग्लोबल लीडरशिप समिट 2025 में बोलते हुए, कामत ने क्लीन बैंक बैलेंस शीट्स के कारण विश्वास व्यक्त किया, जो एक दशक पहले की तुलना में एक महत्वपूर्ण सुधार है। उनका मानना था कि कंसॉलिडेशन से बैंकों को 'इकोनॉमीज ऑफ स्केल' प्राप्त करने, 'गवर्नेंस' को मजबूत करने और अपनी ऋण देने की क्षमता बढ़ाने में मदद मिलेगी। कामत ने सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बैंकों के बीच एक समान अवसर (लेवल प्लेइंग फील्ड) के महत्व पर भी जोर दिया, जो वित्तीय प्रणाली में उनकी पूरक भूमिकाओं को पहचानते हैं। उन्होंने स्वीकार किया कि कंपनियों द्वारा वित्तपोषण के लिए पूंजी बाजारों का तेजी से उपयोग करने के कारण बैंकों से कॉर्पोरेट क्रेडिट की मांग वर्तमान में कम है। हालांकि, उन्होंने समग्र 'लिक्विडिटी' के बारे में चिंताओं को खारिज कर दिया, बैंकों, एनबीएफसी (NBFCs), कॉर्पोरेट बॉन्ड और इक्विटी बाजारों सहित विभिन्न 'फंडिंग' माध्यमों की ओर इशारा किया, जो निरंतर निवेश का समर्थन करते हैं। कामत ने बैंकों को टेक्नोलॉजी में विवेकपूर्ण निवेश करने की सलाह दी, केवल प्रासंगिक और अनुकूल प्रणालियों पर ध्यान केंद्रित करके रिटर्न सुनिश्चित करें। कुछ बाजार हाइप को स्वीकार करते हुए, विशेष रूप से AI कंपनियों के आसपास, वह भारत के फंडामेंटल्स और उभरती प्रौद्योगिकियों के प्रति उसके सतर्क दृष्टिकोण पर आश्वस्त रहे।