Banking/Finance
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Updated on 13 Nov 2025, 01:19 pm
Reviewed By
Akshat Lakshkar | Whalesbook News Team
भारत के सबसे बड़े बैंक, भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने अगले दो वर्षों के भीतर अपने कोर बैंकिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर को पूरी तरह से आधुनिक बनाने की घोषणा की है। एसबीआई के प्रबंध निदेशक अश्विनी कुमार तिवारी ने बैंक की रणनीतिक पहुंच का विस्तार से वर्णन किया, जो चार प्रमुख स्तंभों पर आधारित है:
1. **हार्डवेयर अपग्रेड**: अंतर्निहित भौतिक बुनियादी ढांचे को बढ़ाना। 2. **यूनिक्स से लिनक्स माइग्रेशन**: ऑपरेटिंग सिस्टम को यूनिक्स से अधिक लचीले लिनक्स प्लेटफॉर्म पर ले जाना। 3. **कोर हॉलोइंग**: विक्रेता और सरकारी भुगतानों जैसे विशिष्ट कार्यों को बाहरी प्रदाताओं को आउटसोर्स करना। 4. **माइक्रोसर्विसेज का परिचय**: पूछताछ और लेखांकन जैसे विशिष्ट कार्यों के लिए छोटी, स्वतंत्र सेवाओं को लागू करना।
तिवारी के अनुसार, ये प्रयास एसबीआई के कोर सिस्टम को फिर से आर्किटेक्ट करने के लिए मौलिक हैं, जिससे अधिक चपलता और पैमाना संभव होगा। इसका मतलब है कि बैंक बाजार में बदलावों के अनुकूल होने, उच्च मात्रा में लेनदेन को संभालने और संभावित रूप से नई सेवाओं को अधिक तेज़ी से पेश करने के लिए बेहतर ढंग से सुसज्जित होगा।
**प्रभाव** यह व्यापक आधुनिकीकरण एसबीआई के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जो इसे भविष्य के विकास और बेहतर परिचालन दक्षता के लिए स्थापित करेगा। निवेशक बारीकी से देखेंगे क्योंकि ये अपग्रेड लागत बचत, बेहतर साइबर सुरक्षा और बेहतर ग्राहक अनुभव की ओर ले जा सकते हैं, जो अंततः लाभप्रदता और बाजार प्रतिस्पर्धात्मकता को प्रभावित करेंगे।
**प्रभाव रेटिंग**: 7/10