Banking/Finance
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Updated on 14th November 2025, 12:53 PM
Author
Aditi Singh | Whalesbook News Team
दिग्गज बैंकर उदय कोटक ने घोषणा की है कि 'लेज़ी बैंकिंग' का दौर खत्म हो गया है, क्योंकि फिनटेक फर्मों से कड़ी प्रतिस्पर्धा और सख्त नियमों के कारण बैंकों की पारंपरिक सुरक्षा अब खत्म हो गई है। उन्होंने प्रौद्योगिकी की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया, और विदेशों के डिजिटल-ओन्ली बैंकों का उदाहरण दिया। कोटक ने भारत के बचतकर्ताओं के देश से निवेशकों के देश में बदलने पर भी प्रकाश डाला, और अनुमान लगाया कि अगले पांच वर्षों में म्यूचुअल फंड की संपत्ति दोगुनी हो जाएगी, साथ ही उन्होंने संक्रमण के जोखिमों और भारतीय कंपनियों द्वारा वैश्विक प्रतिस्पर्धा और आर एंड डी में सुधार की आवश्यकता के बारे में भी आगाह किया।
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दिग्गज बैंकर उदय कोटक ने 'लेज़ी बैंकिंग' के अंत की घोषणा की है, यह कहते हुए कि फिनटेक फर्मों से तीव्र प्रतिस्पर्धा और सख्त निरीक्षण के कारण बैंकों के लिए नियामक सुरक्षा समाप्त हो गई है। उन्होंने प्रौद्योगिकी की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया, ब्राजील की सबसे बड़ी कंपनी जैसे डिजिटल-ओन्ली बैंकों का उदाहरण दिया। कोटक ने भारत के बचतकर्ताओं से निवेशकों के देश में परिवर्तन को रेखांकित किया, जिसमें इक्विटी और म्यूचुअल फंड में भागीदारी बढ़ रही है। उन्होंने अनुमान लगाया है कि वित्तीय साक्षरता और डिजिटल प्लेटफार्मों द्वारा संचालित, अगले पांच वर्षों में म्यूचुअल फंड की प्रबंधन अधीन संपत्ति (AUMs) दोगुनी हो जाएगी। हालांकि, उन्होंने संक्रमण के जोखिमों के बारे में चेतावनी दी और भारतीय कंपनियों से वैश्विक स्तर पर 'स्मार्टली फाइट' (स्मार्ट तरीके से लड़ने) का आग्रह किया, भारतीय वैश्विक ब्रांडों की कमी और सीमित आर एंड डी निवेश को नोट करते हुए। कोटक ने नियामकों और उद्योग दोनों से विकसित होने का आह्वान किया, साझा की गई गलतियों को स्वीकार करते हुए। Impact: इस खबर का भारतीय वित्तीय क्षेत्र पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है। कोटक के विचार बैंकिंग में डिजिटल परिवर्तन और नवाचार की ओर एक आवश्यक त्वरण का संकेत देते हैं। म्यूचुअल फंड और निवेशक भागीदारी में अनुमानित वृद्धि से इक्विटी बाजारों में पूंजी प्रवाह बढ़ सकता है, जिससे सूचीबद्ध कंपनियों और परिसंपत्ति प्रबंधन फर्मों को लाभ हो सकता है। वैश्विक प्रतिस्पर्धा और आर एंड डी पर जोर कॉर्पोरेट इंडिया में रणनीतिक बदलावों को प्रोत्साहित कर सकता है। कुल मिलाकर, यह भारतीय वित्त के लिए एक अधिक गतिशील, प्रतिस्पर्धी और तकनीकी रूप से संचालित भविष्य का सुझाव देता है। Rating: 8/10 Difficult Terms: * **Fintech**: वित्तीय प्रौद्योगिकी। वित्तीय सेवाओं के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करने वाली कंपनियाँ। * **Regulatory Moat**: नियामक लाभ जो मौजूदा व्यवसायों को नए प्रतिस्पर्धियों से बचाते हैं। * **Digital Evangelist**: डिजिटल प्रौद्योगिकी अपनाने के प्रबल समर्थक। * **Market Capitalisation**: कंपनी के बकाया शेयरों का कुल बाजार मूल्य। * **Assets Under Management (AUM)**: किसी संस्थान द्वारा ग्राहकों के लिए प्रबंधित वित्तीय संपत्तियों का कुल मूल्य। * **Research and Development (R&D)**: उत्पादों/सेवाओं को नया करने और बेहतर बनाने की गतिविधियाँ। * **Global Consumer Brand**: विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त और उपयोग किया जाने वाला ब्रांड।