Banking/Finance
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31st October 2025, 1:15 AM

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भारत की कैबिनेट की नियुक्ति समिति (ACC) ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSBs) के लिए पूर्णकालिक निदेशकों (Whole-Time Directors) के चयन हेतु नए दिशानिर्देश पेश किए हैं। इन संशोधित दिशानिर्देशों ने विशेष रूप से भारतीय स्टेट बैंक में एक प्रबंध निदेशक (MD) पद और 11 अन्य PSBs में एक MD और एक कार्यकारी निदेशक (ED) पद जैसी नेतृत्व भूमिकाओं को निजी क्षेत्र के वित्तीय संस्थानों और अन्य निजी क्षेत्र के पेशेवरों के लिए खोल दिया है। इस बदलाव को PSB बोर्डों के लिए 'सार्वजनिक-निजी भागीदारी' (PPP) मॉडल के समान देखा जा रहा है, जिसका उद्देश्य बाजार-संचालित विशेषज्ञता को सरकारी स्वामित्व वाली संस्थाओं के साथ एकीकृत करना है।
इसका कथित उद्देश्य समान पात्रता मानदंड सुनिश्चित करना और विकसित हो रहे बैंकिंग परिदृश्य के अनुकूल बनना है। ऐतिहासिक रूप से, निजी क्षेत्र के बैंकर कभी-कभी PSB भूमिकाओं में चले गए हैं, लेकिन यह नया दृष्टिकोण प्रतिभा के 'विपरीत प्रवाह' (reverse flow) को संस्थागत बनाता है, जहां PSB नेतृत्व के पद अब एक परिभाषित चयन प्रक्रिया के माध्यम से बाहरी निजी क्षेत्र के उम्मीदवारों के लिए स्पष्ट रूप से खुले हैं। यह लेख न्यूनतम योग्यता आवश्यकताओं, बैंक बैलेंस शीट के आकार की प्रासंगिकता को पात्रता मानदंड के रूप में (SBI और छोटे निजी बैंकों के बीच विशाल अंतर को देखते हुए), और चयन उद्देश्यों के लिए 'सार्वजनिक क्षेत्र' शब्द की स्पष्टता पर सवाल उठाता है।
संभावित सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि नए प्रवेशकर्ता PSB की दृष्टि और संस्कृति को कितनी अच्छी तरह आत्मसात करते हैं, वे बड़े PSB कर्मचारी वर्ग द्वारा कितने अच्छे से स्वीकार किए जाते हैं, और क्या निजी बैंकर सार्वजनिक क्षेत्र के मुआवजे को स्वीकार करने को तैयार हैं। इस कदम को PSBs को आधुनिक बनाने की दिशा में एक कदम के रूप में देखा जा रहा है, हालांकि इसका अंतिम प्रभाव स्पष्ट उद्देश्यों और नियामक समायोजनों पर निर्भर करेगा। यह PSBs में विदेशी शेयरधारिता में संभावित वृद्धि का अग्रदूत भी हो सकता है।
प्रभाव: इस सुधार का उद्देश्य विविध विशेषज्ञता लाकर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की दक्षता और शासन को बढ़ाना है। इससे बेहतर परिचालन रणनीतियों, बेहतर ग्राहक सेवा और सार्वजनिक क्षेत्र के भीतर अधिक प्रतिस्पर्धी बैंकिंग प्रथाओं को बढ़ावा मिल सकता है। हालांकि, यह सांस्कृतिक एकीकरण और मौजूदा PSB संरचनाओं से संभावित प्रतिरोध के बारे में चिंताएं भी पैदा करता है। इस पहल की सफलता भारतीय बैंकिंग क्षेत्र के प्रतिस्पर्धी परिदृश्य को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित कर सकती है। रेटिंग: 8/10
कठिन शब्द: Public Sector Banks (PSBs): सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक, Whole-Time Directors: पूर्णकालिक निदेशक, Appointments Committee of the Cabinet (ACC): कैबिनेट की नियुक्ति समिति, Managing Director (MD): प्रबंध निदेशक, Executive Director (ED): कार्यकारी निदेशक, Public-Private Partnership (PPP): सार्वजनिक-निजी भागीदारी, Nationalized Banks (NBs): राष्ट्रीयकृत बैंक, Private Banks (PvBs): निजी बैंक, Narasimham Committee-I (1991): नरसिम्हन समिति-I (1991), Old Private Banks (OPvBs): पुराने निजी बैंक, New Private Banks (NPvBs): नए निजी बैंक, Priority Sector: प्राथमिकता क्षेत्र, Financial Inclusion: वित्तीय समावेशन, Indian Banks' Association (IBA): भारतीय बैंक संघ।