Banking/Finance
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29th October 2025, 11:36 AM

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भारतीय इक्विटी बेंचमार्क, जिसमें सेंसेक्स और निफ्टी शामिल हैं, बुधवार को सकारात्मक रुझान के साथ कारोबार कर रहे थे। इस चढ़ाव को मुख्य रूप से मजबूत वैश्विक संकेतों और अमेरिकी फेडरल रिजर्व के आगामी नीतिगत निर्णय के आसपास के आशावाद से बल मिला। निवेशक फेड द्वारा संभावित 25 आधार अंकों (0.25%) की दर कटौती को ध्यान में रख रहे हैं, जिसे आम तौर पर भारत जैसे उभरते बाजारों के लिए एक लिक्विडिटी बूस्टर के रूप में देखा जाता है। निफ्टी नेक्स्ट 50 इंडेक्स ने मजबूत प्रदर्शन दिखाया, 1.3% बढ़ा, जबकि मिडकैप और वित्तीय स्टॉक्स ने भी लाभ दर्ज किया। विदेशी फंडों के मजबूत इनफ्लो से बाजार की धारणा को और मजबूती मिली, जिसमें विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPIs) ने मंगलवार को पर्याप्त खरीद की, जो महीनों में सबसे बड़ा एकल-दिवसीय इनफ्लो था। व्यापार तनाव में कमी और कच्चे तेल की कीमतों में कमी ने भी सकारात्मक योगदान दिया। हालांकि, एसेट मैनेजमेंट कंपनी (AMC) स्टॉक्स में गिरावट से सकारात्मक भावना थोड़ी कमजोर पड़ी। ब्रोकरेज फर्म प्रभुदास लीलाधर ने बताया कि सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) के ड्राफ्ट टोटल एक्सपेंस रेशियो (TER) नियम ब्रोकर्स और फंड हाउसों को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकते हैं। इस घटनाक्रम से आदित्य बिड़ला सन लाइफ AMC, HDFC AMC, निप्पॉन लाइफ इंडिया, और मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज जैसी कंपनियों के शेयरों में गिरावट आई। प्रभाव: इस खबर का भारतीय शेयर बाजार पर मिश्रित प्रभाव है। व्यापक बाजार की भावना अपेक्षित फेड दर कटौती और मजबूत FPI इनफ्लो के कारण सकारात्मक है, जो समग्र बाजार रिटर्न को बढ़ावा दे सकती है। हालांकि, विशिष्ट नियामक परिवर्तन AMC क्षेत्र को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर रहे हैं, जो क्षेत्र-विशिष्ट बाधाओं का संकेत देता है। भारतीय बाजार पर समग्र रूप से सकारात्मक प्रभाव, लेकिन AMC सेगमेंट के लिए नकारात्मक। रेटिंग: 7/10।