Banking/Finance
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31st October 2025, 4:59 AM

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भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने Nifty Bank जैसे सूचकांकों (indices) के लिए पात्रता मानदंडों को और बेहतर बनाने के उद्देश्य से एक नया सर्कुलर जारी किया है, विशेष रूप से डेरिवेटिव ट्रेडिंग के लिए। इस कदम से चरणबद्ध समय-सीमाएं तय की गई हैं और पिछले निर्देशों से कुछ राहत प्रदान की गई है। एक प्रमुख बदलाव सूचकांक घटकों (constituents) के लिए वेटेज कैपिंग का कार्यान्वयन है। एक शीर्ष घटक का वेटेज 20% तक सीमित कर दिया जाएगा, जो वर्तमान 33% से काफी कम है। इसके अलावा, शीर्ष तीन घटकों के संयुक्त वेटेज को 45% तक सीमित किया जाएगा, जो मौजूदा 62% से कम है। इसका मतलब है कि HDFC Bank, ICICI Bank, और State Bank of India जैसी प्रमुख बैंकें, जिनका वर्तमान में पर्याप्त वेटेज है, उनके प्रभाव में धीरे-धीरे कमी आएगी। सर्कुलर में यह भी अनिवार्य किया गया है कि गैर-बेंचमार्क सूचकांकों, जैसे कि Nifty Bank, जिन पर डेरिवेटिव का कारोबार होता है, उनमें कम से कम 14 स्टॉक शामिल होने चाहिए। वर्तमान में Nifty Bank में 12 घटक हैं। 30 सितंबर तक, HDFC Bank का Nifty Bank में 28.49% वेटेज था, इसके बाद ICICI Bank 24.38% और State Bank of India 9.17% थी। Kotak Mahindra Bank और Axis Bank भी शीर्ष पांच में शामिल हैं। यह पुनर्संतुलन Nifty Bank इंडेक्स में संभावित नए प्रवेशकों के लिए द्वार खोलता है, जिसमें Yes Bank, Indian Bank, Union Bank of India, और Bank of India जैसे स्टॉक प्रमुख उम्मीदवार हैं। ये समायोजन चार चरणों में होंगे, जो 31 मार्च 2026 तक पूरे हो जाएंगे, जिसमें पहला चरण दिसंबर 2025 में शुरू होगा। नुवामा अल्टरनेटिव एंड क्वांटिटेटिव रिसर्च का अनुमान है कि Yes Bank और Indian Bank के शामिल होने से क्रमशः लगभग $104.7 मिलियन और $72.3 मिलियन का निवेश प्रवाह (inflows) आकर्षित हो सकता है। यदि उल्लिखित सभी चार बैंकों को शामिल किया जाता है, तो अपेक्षित निवेश प्रवाह Yes Bank के लिए $107.7 मिलियन, Indian Bank के लिए $74.3 मिलियन, Union Bank of India के लिए $67.7 मिलियन और Bank of India के लिए $41.5 मिलियन तक पहुंच सकता है। इस खबर के बाद, Union Bank of India के शेयरों में 4.4% की बढ़ोतरी देखी गई, जबकि Yes Bank, Indian Bank, और Bank of India में 1.5% से 2.5% के बीच वृद्धि हुई। प्रभाव: यह खबर Nifty Bank इंडेक्स को एकाग्रता जोखिम (concentration risk) को कम करके और बैंकिंग स्टॉक्स की व्यापक भागीदारी को बढ़ावा देकर महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित करेगी। इससे इंडेक्स फंडों और ईटीएफ (ETFs) द्वारा पोर्टफोलियो पुनर्संतुलन की उम्मीद है, जिससे सूचकांक में शामिल होने वाले मिड-कैप और स्मॉल-कैप बैंकिंग स्टॉक्स में पर्याप्त निवेश प्रवाह हो सकता है। बैंकिंग क्षेत्र के स्टॉक प्रदर्शन पर समग्र प्रभाव नव-शामिल बैंकों के लिए सकारात्मक हो सकता है और इंडेक्स में सबसे बड़ी बैंकों की वृद्धि को संयमित कर सकता है। Nifty Bank से जुड़े डेरिवेटिव बाजार को भी नई संरचना और वेटेज के साथ समायोजित करने की आवश्यकता होगी। Impact Rating: 8/10.