Banking/Finance
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31st October 2025, 1:57 PM
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रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के हालिया आंकड़ों ने भारतीय अर्थव्यवस्था में बैंक क्रेडिट के पुनर्वितरण को उजागर किया है। सोने के आभूषणों को गिरवी रखकर लिए गए लोन में साल-दर-साल 115% की असाधारण वृद्धि दर्ज की गई है, जो सितंबर अंत तक 3.16 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गए। यह उछाल सोने को वित्त का आसानी से उपलब्ध स्रोत बनाने की बढ़ती स्वीकृति और निर्भरता को दर्शाता है। इसी तरह, रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में भी उल्लेखनीय विस्तार देखा गया है, जिसमें लोन 119% बढ़कर 14,842 करोड़ रुपये हो गए हैं, हालांकि यह एक छोटे आधार से शुरू हुआ है, जो ग्रीन एनर्जी में मजबूत निवेश रुचि का संकेत देता है।
इसके विपरीत, पारंपरिक ऋण देने वाले चैनलों में सुस्ती के संकेत दिख रहे हैं। नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों (NBFCs) को बैंक क्रेडिट ग्रोथ काफी घटकर केवल 3.9% रह गई है, जो एक साल पहले 9.5% थी। हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों (HFCs) को ऋण देना और भी अधिक धीमा हो गया है, ग्रोथ घटकर मात्र 0.2% रह गई है। कंज्यूमर ड्यूरेबल्स के लिए क्रेडिट की मांग में भी 6.2% की कमी आई है। पर्सनल लोन सेगमेंट, जिसमें क्रेडिट कार्ड खर्च और वाहन ऋण शामिल हैं, में ग्रोथ 11.7% तक धीमी हो गई है। कृषि और संबद्ध गतिविधियों और व्यापक औद्योगिक क्षेत्र को भी धीमी वृद्धि दर मिली है।
Impact: यह डेटा उधारकर्ताओं की प्राथमिकताओं और निवेश फोकस में एक स्पष्ट बदलाव का सुझाव देता है। गोल्ड लोन में मजबूत वृद्धि परिवारों पर आर्थिक दबाव या कोलैटरल के रूप में सोने के उपयोग में बढ़ी हुई आत्मविश्वास को दर्शा सकती है। रिन्यूएबल एनर्जी क्रेडिट में उछाल मजबूत सरकारी नीति समर्थन और इस क्षेत्र के भविष्य में निवेशकों के बढ़ते विश्वास को इंगित करता है। NBFC और HFC क्रेडिट में मंदी उनकी ऋण देने की क्षमता को प्रभावित कर सकती है, जिससे उनके वित्तपोषण पर निर्भर क्षेत्रों पर असर पड़ सकता है। कंज्यूमर ड्यूरेबल लोन में संकुचन और पर्सनल लोन ग्रोथ में मंदी उपभोक्ता खर्च में नरमी का संकेत दे सकती है। इन बदलावों को निवेशकों के लिए क्षेत्र के प्रदर्शन को समझने और भारतीय अर्थव्यवस्था में संभावित विकास क्षेत्रों की पहचान करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं।
Definitions:
गोल्ड लोन (Gold loans): वे लोन जो व्यक्ति या व्यवसाय किसी वित्तीय संस्थान से सोने के आभूषण या गहनों को सुरक्षा के तौर पर रखकर प्राप्त करते हैं।
रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर (Renewable energy sector): वे उद्योग जो प्राकृतिक स्रोतों से बिजली उत्पन्न करने पर ध्यान केंद्रित करते हैं जो उपभोग की तुलना में तेजी से फिर से भर जाते हैं, जैसे सौर, पवन, जल और भूतापीय ऊर्जा।
बैंक क्रेडिट (Bank credit): बैंकों द्वारा व्यक्तियों, व्यवसायों या अन्य संस्थाओं को प्रदान किए गए ऋण और अग्रिम।
नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियां (NBFCs): वे वित्तीय संस्थान जो ऋण और क्रेडिट जैसी बैंकिंग जैसी सेवाएं प्रदान करती हैं, लेकिन उनके पास पूर्ण बैंकिंग लाइसेंस नहीं होता और वे अलग तरह से विनियमित होती हैं।
हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां (HFCs): वे संस्थाएं जो आवासीय संपत्ति की खरीद या निर्माण के लिए वित्त प्रदान करती हैं।
डीसेलेरेटेड (Decelerated): गति कम करना; धीमा होना।
कंज्यूमर ड्यूरेबल्स (Consumer durables): वे घरेलू सामान जो लंबे समय तक चलने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं, जैसे रेफ्रिजरेटर, वॉशिंग मशीन, टेलीविजन और एयर कंडीशनर।
GST: गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स एक अप्रत्यक्ष कर है जो भारत में माल और सेवाओं की आपूर्ति पर लागू होता है।
कृषि और संबद्ध गतिविधियाँ (Agriculture and allied activities): खेती, फसल उत्पादन, पशुपालन, मत्स्य पालन, वानिकी और अन्य संबंधित ग्रामीण आर्थिक गतिविधियों का उल्लेख करता है।