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सीबीआई ने यस बैंक भ्रष्टाचार मामले में अनिल अंबानी पर ₹2,796 करोड़ की धोखाधड़ी का आरोप लगाया

Banking/Finance

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1st November 2025, 2:02 AM

सीबीआई ने यस बैंक भ्रष्टाचार मामले में अनिल अंबानी पर ₹2,796 करोड़ की धोखाधड़ी का आरोप लगाया

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Stocks Mentioned :

Reliance Capital Limited
Nippon Life India Asset Management Limited

Short Description :

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने उद्योगपति अनिल अंबानी पर अपनी कंपनियों में यस बैंक द्वारा ₹2,796.77 करोड़ के जोखिम भरे निवेशों को मंजूरी देने का आरोप लगाते हुए आरोप पत्र दायर किया है, जिससे महत्वपूर्ण नुकसान हुआ। जांचकर्ताओं का आरोप है कि यह 'क्विड प्रो क्वो' (quid pro quo) की व्यवस्था थी, जहां कपूर के परिवार को इन निवेशों की मंजूरी के बाद अंबानी की फर्मों से ऋण प्राप्त हुआ, जो बाद में गैर-निष्पादित (non-performing) हो गए। जांच में रिलायंस निप्पॉन म्यूचुअल फंड के दुरुपयोग का भी संबंध है।

Detailed Coverage :

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने यस बैंक भ्रष्टाचार मामले में उद्योगपति अनिल अंबानी पर औपचारिक रूप से आरोप लगाया है। एजेंसी के आरोप पत्र में आरोप लगाया गया है कि अनिल अंबानी ने यस बैंक द्वारा उनकी कंपनियों में ₹2,796.77 करोड़ का नुकसान कराने वाले अनुकूल निवेशों को मंजूरी दी थी। ये निवेश अनिल धीरूभाई अंबानी समूह (एडीएजी) की कंपनियों द्वारा जारी किए गए नॉन-कन्वर्टिबल डिबेंचर (एनसीडी) और कमर्शियल पेपर (सीपी) में किए गए थे। जांचकर्ताओं का दावा है कि 2017 और 2019 के बीच, यस बैंक ने रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड (आरएचएफएल) और रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस लिमिटेड (आरसीएफएल), जो एडीएजी का हिस्सा हैं, में भारी निवेश किया। 2019 के अंत तक, ये निवेश गैर-निष्पादित हो गए, जिससे यस बैंक पर ₹3,300 करोड़ से अधिक की बकाया राशि रह गई।

सीबीआई आरोप लगाती है कि एक 'क्विड प्रो क्वो' (quid pro quo) की व्यवस्था थी, जिसके तहत, लगभग इसी अवधि के दौरान, आरएचएफएल और आरसीएफएल ने राणा कपूर की पत्नी और बेटियों के स्वामित्व वाली कंपनियों को कई ऋण वितरित किए। ये ऋण, कुछ संस्थाओं के लिए ₹225 करोड़ तक के, कथित तौर पर बिना उचित फील्ड सत्यापन या उचित परिश्रम (due diligence) के स्वीकृत किए गए थे। आरोप पत्र में कपूर और अंबानी के बीच करीबी समन्वय, निजी बैठकों और बाद में एडीएजी समूह के प्रस्तावों को मंजूरी देने के निर्देशों का भी उल्लेख है। इसके अलावा, अनिल अंबानी पर रिलायंस निप्पॉन म्यूचुअल फंड के दुरुपयोग का भी आरोप है, जिसमें उन्होंने निवेश निर्णयों को प्रभावित करने के लिए शीर्ष अधिकारियों के साथ अनधिकृत बैठकें कीं। राणा कपूर पर कथित तौर पर अपने परिवार द्वारा एडीएजी कंपनियों से ऋण प्राप्त करने की बात यस बैंक बोर्ड को प्रकट न करने का आरोप है।

प्रभाव इस विकास का यस बैंक और अनिल अंबानी से जुड़ी अन्य संस्थाओं पर निवेशक की भावना पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता है। यह कॉर्पोरेट गवर्नेंस जोखिमों और संभावित नियामक जांच को उजागर करता है, जिससे स्टॉक मूल्य में अस्थिरता आ सकती है और व्यापक वित्तीय क्षेत्र को भी प्रभावित किया जा सकता है।