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भारतीय बैंकों को टेक्नोलॉजी और बाज़ार वित्त के साथ खुद को फिर से खोजना होगा।

Banking/Finance

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30th October 2025, 4:49 AM

भारतीय बैंकों को टेक्नोलॉजी और बाज़ार वित्त के साथ खुद को फिर से खोजना होगा।

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Short Description :

जियो फाइनेंशियल सर्विसेज के चेयरमैन के वी कामत भारतीय बैंकिंग में हो रहे बड़े बदलावों पर चर्चा कर रहे हैं। वह बताते हैं कि टेक्नोलॉजी और कैपिटल मार्केट्स से ज़्यादा एक्सेस मिलने की वजह से कंपनियाँ अब पहले की तरह वर्किंग कैपिटल और लोंस के लिए बैंक्स पर इतना डिपेंड नहीं करतीं। कामत कह रहे हैं कि बैंक्स को रिटेल कस्टमर्स पर फोकस करना होगा, नई टेक्नोलॉजीज़ अपनानी होंगी, और अपने बिज़नेस मॉडल्स को रीइन्वेंट करना होगा ताकि वे कॉम्पिटिटिव बनी रहें।

Detailed Coverage :

जियो फाइनेंशियल सर्विसेज के चेयरमैन के वी कामत ने भारतीय बैंकिंग सेक्टर में आ रहे बड़े बदलावों पर रोशनी डाली है। उन्होंने नोट किया है कि टेक्नोलॉजी और अलग-अलग फाइनेंशियल चैनल्स की वजह से कॉर्पोरेट इंडिया की ट्रेडिशनल बैंक्स पर वर्किंग कैपिटल और लोंस के लिए निर्भरता कम हो गई है। कंपनियाँ अब ज़्यादातर इंटरनल कैश फ़्लोज़ यूज़ कर रही हैं या कैपिटल मार्केट्स से फ़ंड रेज़ कर रही हैं। यह इवोल्यूशन, जो UPI और बढ़ती हुई म्यूचुअल फ़ंड इंडस्ट्री जैसे प्लेटफ़ॉर्म्स ने तेज़ किया है, एक पैरलल फाइनेंशियल इकोसिस्टम बना रहा है।

कामथ ने ज़ोर दिया है कि बैंक्स को रेलेवेंट बने रहने के लिए "रीइन्वेंट" करना होगा। इसका सबसे बड़ा स्ट्रैटेजी रिटेल कस्टमर्स पर ज़्यादा फ़ोकस करना है, जो एक बढ़ता हुआ सेगमेंट है जिनकी फ़ाइनेंशियल नीड्स भी बढ़ रही हैं। जबकि बैंक्स के पास NBFCs के मुक़ाबले कॉस्ट-ऑफ़-फ़ंड्स का एडवांटेज है, उन्हें कैपिटल को इफेक्टिव तरीक़े से डिप्लॉय करने की ज़रूरत है। उनका सुझाव है कि मॉडर्न टेक्नोलॉजी के साथ रीइन्वेंशन जल्दी संभव है, लेकिन बैंक्स को ऐक्टिवली इस पर काम करना होगा। उन्होंने ऑब्ज़र्व किया है कि जबकी बैंक्स टेक्नोलॉजी में बहुत इन्वेस्ट कर रहे हैं, यह एलोकेशन हमेशा आज के कॉम्पिटिटिव लैंडस्केप के लिए "सही" टेक्नोलॉजी में नहीं हो रहा। दुनिया भर में डिजिटल बैंक्स का इमर्ज होना एक मॉडल है जिसे इंडियन इन्कम्बेंट्स अडैप्ट कर सकते हैं बाय रीपोजिशनिंग देमसेल्व्स।

Impact: यह ख़बर इंडियन स्टॉक मार्केट को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित करती है क्योंकि यह पूरे बैंकिंग सेक्टर के लिए एक फंडामेंटल स्ट्रैटेजिक चैलेंज और अपॉर्च्युनिटी हाईलाइट करती है। इन्वेस्टर्स उन बैंक्स पर नज़र रखेंगे जो फ़्यूचर ग्रोथ, ख़ास कर रिटेल फ़ाइनेंस और इफेक्टिव टेक्नोलॉजी इंटीग्रेशन में, कैप्चर करने के लिए अपने मॉडल्स को सक्सेसफ़ुली अडैप्ट करते हैं।

Impact Rating: 8/10

Difficult Terms Explained: * NBFCs (Non-Banking Financial Companies): फाइनेंशियल फ़र्म्स जो बैंकिंग लाइसेंस के बिना बैंकिंग-लाइक सर्विसेज़ देती हैं। * UPI (Unified Payments Interface): मोबाइल मनी ट्रांसफ़र्स के लिए इंस्टेंट पेमेंट सिस्टम। * Free Float: नॉन-इंटरेस्ट बेयरिंग अकाउंट्स में बैंक फ़ंड्स, जो कस्टमर्स द्वारा एफिशिएंट मनी मैनेजमेंट से कम हो जाते हैं। * Viksit Bharat: डेवलप्ड इंडिया के लिए गवर्नमेंट का विज़न। * Gross Domestic Product (GDP): किसी देश में प्रोड्यूस होने वाले गुड्स/सर्विसेज़ का टोटल वैल्यू। * Capital Markets: स्टॉक्स और बॉन्ड्स ट्रेड करने के प्लेटफ़ॉर्म्स। * Fintech: फाइनेंशियल सर्विसेज़ में इनोवेट करने वाली फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी कंपनियाँ।