उच्च-नेट-वर्थ वाले व्यक्ति (HNIs) और अप्रवासी भारतीय (NRIs) भारत में कैटेगरी III वैकल्पिक निवेश कोष (AIFs) में अपने निवेश में काफी वृद्धि कर रहे हैं। ये फंड, जो जोखिम प्रबंधन के लिए डेरिवेटिव्स जैसी परिष्कृत रणनीतियों का उपयोग करते हैं, ने 30 सितंबर 2025 तक ₹1.7 लाख करोड़ की राशि जुटाई है। यह पिछली वर्षों की तुलना में एक महत्वपूर्ण वृद्धि दर्शाता है, जिसका आंशिक कारण गिफ्ट सिटी में स्थित फंडों के लिए कर लाभ हैं, और यह बाजार की अस्थिरता से निपटने और संतुलित रिटर्न प्राप्त करने के लिए वैकल्पिक माध्यमों के प्रति निवेशकों की मजबूत प्राथमिकता का संकेत देता है।