Banking/Finance
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Updated on 13th November 2025, 4:13 PM
Reviewed By
Abhay Singh | Whalesbook News Team
S&P ग्लोबल रेटिंग्स की एक नई रिपोर्ट वैश्विक बैंकों के लिए महत्वपूर्ण चुनौतियों पर प्रकाश डालती है, जिसमें तेजी से डिजिटलीकरण, AI को अपनाना, जलवायु परिवर्तन और बढ़ते साइबर खतरे शामिल हैं। इन कारकों से कुछ व्यावसायिक मॉडल और जोखिम प्रबंधन प्रथाओं पर दबाव पड़ने की उम्मीद है, जबकि दूसरों के लिए अवसर पैदा होंगे, जिससे प्रदर्शन में अंतर बढ़ेगा। रिपोर्ट में वैश्विक बैंक क्रेडिट हानियों में वृद्धि का भी अनुमान लगाया गया है, खासकर एशिया-प्रशांत क्षेत्र में, हालांकि ये प्रबंधनीय रहने की उम्मीद है।
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S&P ग्लोबल रेटिंग्स की नवीनतम रिपोर्ट वैश्विक बैंकिंग क्षेत्र को आकार देने वाले महत्वपूर्ण विकसित जोखिमों की पहचान करती है। प्रमुख चुनौतियों में तेजी से डिजिटलीकरण और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का परिवर्तनकारी प्रभाव शामिल है। AI को अपनाने को प्रतिस्पर्धी लाभ के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है, हालांकि इसके कार्यान्वयन में महत्वपूर्ण पूंजीगत व्यय और परिचालन लागत शामिल है। जहाँ AI दक्षता लाभ और बेहतर ग्राहक निष्ठा जैसे दीर्घकालिक लाभ प्रदान कर सकता है, वहीं यह नई तकनीकी जोखिम और तीसरे पक्ष के विक्रेताओं पर निर्भरता भी पेश करता है। AI के साथ-साथ, जलवायु परिवर्तन और बढ़ते साइबर खतरे बैंकों के व्यावसायिक मॉडल और परिचालन स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण जोखिम पैदा करते हैं। रिपोर्ट मजबूत और कमजोर बैंकों के बीच प्रदर्शन के बढ़ते अंतर का अनुमान लगाती है, जिसे क्रेडिट विचलन में वृद्धि भी कहा जाता है। प्रभाव: S&P वैश्विक बैंक क्रेडिट हानियों के 2025 में $609 बिलियन से बढ़कर 2026 में $655 बिलियन (7.5% वृद्धि) और 2027 में $683 बिलियन (4.3% वृद्धि) होने का अनुमान लगाती है। एशिया-प्रशांत क्षेत्र इस वृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान देने की उम्मीद है, जिसमें व्यापार अनिश्चितताओं का प्रभाव होगा जो चीनी छोटे व्यवसायों और उपभोक्ताओं को ऋण देने को प्रभावित कर रहा है। इन वृद्धियों के बावजूद, मजबूत बैंक लाभप्रदता और सख्त विवेकपूर्ण नियमों द्वारा समर्थित, हानियाँ प्रबंधनीय स्तरों पर रहने की उम्मीद है। यह समाचार भारतीय शेयर बाजार के निवेशकों को वैश्विक वित्तीय क्षेत्र की स्थिरता, संभावित संक्रामकता जोखिमों और AI को अपनाने जैसे रणनीतिक बदलावों पर अंतर्दृष्टि प्रदान करता है जो भारतीय बैंकिंग क्षेत्र के प्रदर्शन और निवेश निर्णयों को प्रभावित कर सकते हैं।