Banking/Finance
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Updated on 14th November 2025, 3:39 AM
Author
Akshat Lakshkar | Whalesbook News Team
पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) ने कॉर्पोरेट नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) के लिए नियमों को अपडेट किया है। नई गाइडलाइंस नियोक्ताओं और कर्मचारियों के बीच पेंशन फंड मैनेजर और निवेश के विकल्प चुनने के लिए आपसी सहमति को अनिवार्य करती हैं, खासकर संयुक्त योगदान की स्थिति में। अब फंड के प्रदर्शन की वार्षिक समीक्षा आवश्यक है, जिसमें अल्पकालिक बाजार के उतार-चढ़ाव के बजाय दीर्घकालिक रुझानों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इन अपडेट्स से कर्मचारी के लचीलेपन, शिकायत निवारण प्रक्रिया और पॉइंट्स ऑफ प्रेजेंस (PoPs) व सेंट्रल रिकॉर्डकीपिंग एजेंसी (CRAs) की परिचालन भूमिकाएं भी स्पष्ट हो गई हैं।
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पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) ने कॉर्पोरेट नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) के लिए संशोधित नियम पेश किए हैं, जिनका उद्देश्य नियोक्ताओं और कर्मचारियों के लिए पेंशन फंड प्रबंधकों और निवेश विकल्पों के संबंध में निर्णय लेने की प्रक्रिया को अधिक स्पष्ट बनाना है। नए ढांचे के तहत, जब नियोक्ता और कर्मचारी दोनों योगदान करते हैं, या जब नियोक्ता अधिक या केवल योगदान करता है, तो पेंशन फंड प्रबंधकों के चयन और संपत्ति आवंटन (asset allocation) से संबंधित सभी निर्णय एक औपचारिक आपसी सहमति से लिए जाने चाहिए।
एक प्रमुख अनिवार्यता चुने गए पेंशन फंड की वार्षिक समीक्षा है। इसके बाद किसी भी बदलाव के लिए आपसी सहमति में निर्धारित शर्तों का पालन करना होगा, जो NPS की दीर्घकालिक निवेश प्रकृति को मजबूत करता है। नियोक्ताओं को 20-30 वर्ष की अवधि के क्षितिज पर प्रदर्शन का मूल्यांकन करने के लिए निर्देशित किया गया है, ताकि अल्पकालिक बाजार की अस्थिरता पर प्रतिक्रियाओं को हतोत्साहित किया जा सके। PFRDA ने प्रतिभागियों के लिए परामर्श और वित्तीय शिक्षा के महत्व पर भी जोर दिया है।
कर्मचारियों को लचीलापन मिलता है, जिसमें सामान्य योजनाओं के लिए स्वैच्छिक योगदान या मल्टीपल स्कीम फ्रेमवर्क (MSF) के तहत विकल्प चुनने का विकल्प मिलता है, भले ही सह-योगदान व्यवस्था कुछ भी हो। आपसी सहमति में विभिन्न जोखिम प्राथमिकताओं को पूरा करने के लिए विविध योजना विकल्प प्रदान करने चाहिए। एक परिभाषित शिकायत निवारण प्रक्रिया स्थापित की गई है, जिसमें कर्मचारियों को पहले अपनी कंपनी के मानव संसाधन (HR) से संपर्क करना होगा, और कार्रवाई न होने पर ही आगे की शिकायत की अनुमति होगी। कॉर्पोरेट कर्मचारी को फंड/योजना चयन में पूर्ण विवेक भी प्रदान कर सकते हैं, जिससे आपसी सहमति की आवश्यकता समाप्त हो जाती है। परिचालन रूप से, नियोक्ताओं को पॉइंट्स ऑफ प्रेजेंस (PoPs) के साथ समन्वय करना होगा, जो फिर सहमत विकल्पों को सेंट्रल रिकॉर्डकीपिंग एजेंसियों (CRAs) तक पहुंचाएंगे। CRAs स्पष्ट नियोक्ता निर्देशों के बिना सिस्टम परिवर्तनों को लागू नहीं कर सकते।
प्रभाव: इस समाचार का भारतीय वित्तीय सेवा क्षेत्र पर मध्यम प्रभाव पड़ता है, विशेष रूप से पेंशन फंड प्रबंधन और प्रशासन से जुड़ी फर्मों पर। यह लाखों NPS ग्राहकों के लिए अधिक पारदर्शिता और संरचित निर्णय लेने की क्षमता लाता है, जो संभावित रूप से फंड प्रवाह और निवेश रणनीतियों को प्रभावित कर सकता है। रेटिंग: 6/10