भारतीय बैंक उन कंपनियों से 3.97 ट्रिलियन रुपये की वसूली के प्रयासों को तेज़ कर रहे हैं जो दिवालिया (insolvency) होने से पहले संदिग्ध लेनदेन (questionable transactions) में खो गए थे। ये 'PUFE' सौदे, जिनका मूल्य IBC की कुल वसूली के बराबर है, में संपत्ति की हेराफेरी और फंड का डायवर्जन शामिल है। बैंक सक्रिय रूप से इन मामलों का पीछा कर रहे हैं, लेकिन जटिलताओं और देरी के कारण वास्तविक वसूली चुनौतीपूर्ण बनी हुई है।