CRIF High Mark के अनुसार, Q2 FY26 में भारत के लेंडिंग बाज़ार में ज़बरदस्त ग्रोथ देखी गई, जिसका नेतृत्व गोल्ड, होम और ऑटो जैसे सुरक्षित ऋणों ने किया। सख्त बॉरोअर फ़िल्टर के बावजूद, रिटेल और कंज़म्प्शन लोन में साल-दर-साल 18% की वृद्धि हुई। होम और पर्सनल लोन में बड़ी राशि (high ticket size) वाले कर्ज़ों की ओर बदलाव देखा गया, जिसमें PSU बैंकों ने सबसे ज़्यादा कर्ज़ बांटे। गोल्ड लोन का विस्तार तेज़ी से जारी रहा, जो स्थिर मांग के साथ एक लचीली क्रेडिट साइकिल का संकेत देता है।