भारतीय बैंक सर्टिफिकेट ऑफ डिपॉजिट (CDs) के माध्यम से उधार लेना नाटकीय रूप से बढ़ा रहे हैं, जिसमें पिछले पंद्रह दिनों में रिकॉर्ड 55,000 करोड़ रुपये की नई बिक्री हुई है। यह उछाल, धीमी जमा वृद्धि और 80% को पार कर चुके उच्च ऋण-जमा अनुपात के कारण है, जो बढ़ती ऋण मांग को पूरा करने के लिए बैंकों के संघर्ष का संकेत देता है। यह तरलता (liquidity) की चुनौतियों और थोक धन (wholesale funding) पर बढ़ती निर्भरता को उजागर करता है, क्योंकि ऋण विस्तार जमा वृद्धि से आगे निकल रहा है।