Auto
|
Updated on 06 Nov 2025, 05:42 am
Reviewed By
Simar Singh | Whalesbook News Team
▶
महिंद्रा एंड महिंद्रा लिमिटेड ने गुरुवार को RBL बैंक लिमिटेड में अपनी 3.5% हिस्सेदारी से पूरी तरह बाहर निकलने की घोषणा की। इस बिक्री से ₹678 करोड़ प्राप्त हुए हैं और यह 2023 में किए गए निवेश पर 62.5% का महत्वपूर्ण मुनाफा दर्शाता है। शुरुआत में, महिंद्रा एंड महिंद्रा के सीईओ, अनीश शाह ने कहा था कि यह निवेश रणनीतिक (strategic) था, जिसका उद्देश्य सात से दस वर्षों की अवधि में बैंकिंग क्षेत्र की गहरी समझ हासिल करना था, और इसे तभी बेचा जाएगा जब कोई बेहतर रणनीतिक अवसर (strategic opportunity) मिलेगा। हालांकि, विश्लेषकों ने इस निवेश को महिंद्रा एंड महिंद्रा के मुख्य ऑटोमोटिव व्यवसाय के साथ संरेखण पर सवाल उठाए थे। कंपनी ने बाद में यह भी स्पष्ट किया था कि RBL बैंक में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने का उसका कोई इरादा नहीं था। खबर के बाद, महिंद्रा एंड महिंद्रा के शेयर शुरुआती कारोबार में 1.5% चढ़ गए, जबकि RBL बैंक लिमिटेड के शेयरों में 1% की मामूली वृद्धि देखी गई। यह निकास भारत के वित्तीय क्षेत्र में एक और महत्वपूर्ण घटना के कुछ हफ्तों बाद हुआ है।
प्रभाव (Impact): यह विनिवेश महिंद्रा एंड महिंद्रा को अपने गैर-प्रमुख निवेश से लाभ प्राप्त करने में सक्षम करेगा, जिससे उसकी वित्तीय स्थिति मजबूत होगी और संभवतः पूंजी उसके मुख्य व्यवसायों के लिए मुक्त हो जाएगी। RBL बैंक के लिए, यह उसके निवेशक आधार में बदलाव का संकेत देता है, हालांकि यदि हिस्सेदारी स्थिर संस्थागत निवेशकों (institutional investors) द्वारा अधिग्रहित की जाती है तो इसके संचालन पर प्रभाव न्यूनतम हो सकता है। सकारात्मक बाजार प्रतिक्रिया दोनों कंपनियों की मुख्य रणनीतियों और वित्तीय प्रबंधन में निवेशक विश्वास का संकेत देती है।