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Updated on 12 Nov 2025, 05:57 pm
Reviewed By
Abhay Singh | Whalesbook News Team
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मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड, टाटा मोटर्स लिमिटेड और हुंडई मोटर इंडिया जैसी भारतीय ऑटोमोटिव दिग्गज आने वाले महीनों में उत्पादन 20-40% तक बढ़ाने के लक्ष्य के साथ, पर्याप्त क्षमता विस्तार की तैयारी कर रही हैं। यह रणनीतिक कदम हाल की वस्तु और सेवा कर (GST) में कटौती और एक मजबूत त्योहारी सीजन के बाद, वाहन की मांग में निरंतर पुनरुद्धार के प्रति मजबूत विश्वास पर आधारित है।
देश की सबसे बड़ी कार निर्माता मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड, नवंबर में 200,000 से अधिक वाहन बनाने की योजना बना रही है, जो सितंबर तक के उसके औसत मासिक उत्पादन 172,000 यूनिट से एक महत्वपूर्ण वृद्धि है। नवंबर का यह लक्ष्य कंपनी के लिए एक नया रिकॉर्ड स्थापित करेगा।
टाटा मोटर्स लिमिटेड अपने आपूर्तिकर्ताओं से वित्तीय वर्ष की पहली छमाही में औसत 47,000 यूनिट से बढ़कर, 65,000-70,000 वाहनों के मासिक उत्पादन के लिए तैयार रहने को कह रही है।
वहीं, हुंडई मोटर इंडिया ने महाराष्ट्र के तालेगांव स्थित अपने दूसरे प्लांट में दो शिफ्ट सक्रिय की हैं, ताकि अपनी उत्पादन क्षमता को 20% तक बढ़ाया जा सके।
ये योजनाएं असाधारण रूप से मजबूत बाजार प्रदर्शन पर आधारित हैं। अक्टूबर में भारत में यात्री वाहनों की खुदरा बिक्री 557,373 यूनिट्स के आंकड़े के साथ सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गई।
मारुति सुजुकी ने अक्टूबर में खुदरा बिक्री में 20% की वृद्धि दर्ज की, जो 242,096 यूनिट्स रही, और कंपनी ने नवंबर की शुरुआत में 350,000 यूनिट्स के लंबित ऑर्डरों का संकेत दिया, जिससे प्रतीक्षा समय को कम करने के लिए उत्पादन प्रयासों पर प्रकाश डाला गया।
**प्रभाव**: यह खबर भारतीय ऑटोमोटिव क्षेत्र के लिए अत्यंत सकारात्मक है। बढ़ा हुआ उत्पादन और मजबूत मांग एक स्वस्थ रिकवरी और विकास पथ का संकेत देते हैं। इससे इन प्रमुख निर्माताओं के राजस्व और मुनाफे में वृद्धि होने की संभावना है और उनके आपूर्तिकर्ताओं और सहायक उद्योगों पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। ऑटो सेक्टर के प्रति निवेशक भावना में सुधार की उम्मीद है।
**कठिन शब्दों का स्पष्टीकरण**: * **वस्तु और सेवा कर (GST) में कटौती**: सरकार द्वारा माल और सेवाओं की बिक्री पर लगाया जाने वाला कर की दर में कमी, जिससे उपभोक्ताओं के लिए कार जैसे उत्पाद अधिक किफायती हो जाते हैं। * **क्षमता विस्तार**: एक विनिर्माण सुविधा अधिकतम कितनी उत्पादन कर सकती है, उसे बढ़ाना। इस संदर्भ में, इसका मतलब है कि कार निर्माता अधिक वाहन बनाने की तैयारी कर रहे हैं। * **खुदरा बिक्री (Retail Sales)**: सीधे अंतिम-उपयोगकर्ताओं या उपभोक्ताओं को बेची गई वाहनों की संख्या। * **वित्तीय वर्ष (Fiscal Year)**: लेखांकन उद्देश्यों के लिए 12 महीने की अवधि, जो कैलेंडर वर्ष के साथ मेल खा भी सकती है और नहीं भी। भारत में, वित्तीय वर्ष आम तौर पर 1 अप्रैल से 31 मार्च तक चलता है। 'वित्तीय वर्ष H1' वित्तीय वर्ष के पहले छमाही (अप्रैल-सितंबर) को संदर्भित करता है और 'वित्तीय वर्ष H2' दूसरी छमाही (अक्टूबर-मार्च) को संदर्भित करता है।