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Updated on 04 Nov 2025, 02:11 am
Reviewed By
Aditi Singh | Whalesbook News Team
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अक्टूबर में भारतीय ऑटोमोबाइल सेक्टर ने मजबूत गति बनाए रखी, जिसमें यात्री वाहन (PVs), वाणिज्यिक वाहन (CVs), दोपहिया (2Ws), और ट्रैक्टरों की थोक बिक्री (wholesale volumes) काफी हद तक अपेक्षाओं को पूरा करती रही। इस निरंतर वृद्धि को स्वस्थ त्योहारी मांग, बेहतर उपभोक्ता भावना, और घटते इन्वेंट्री स्तरों ने बढ़ावा दिया, जो घरेलू ऑटो खपत में एक मजबूत सुधार का संकेत देता है।
यात्री वाहनों ने अपना बेहतर प्रदर्शन जारी रखा, प्रमुख खिलाड़ियों में थोक बिक्री में 11% साल-दर-साल (Y-o-Y) की वृद्धि दर्ज की गई, जो यूटिलिटी वाहनों, कॉम्पैक्ट कारों और वैन की मजबूत मांग से प्रेरित थी। खुदरा बिक्री (Retail sales) थोक बिक्री से तेज रही, जिससे इन्वेंट्री का स्तर लगभग तीन सप्ताह तक कम हो गया।
दोपहिया सेगमेंट में भी स्थिर वृद्धि देखी गई, जिसमें मोटरसाइकिल और स्कूटरों की मांग बढ़ी, जो ग्रामीण भावना में सुधार को दर्शाती है। तीन-पहिया वाहनों ने 70% Y-o-Y से अधिक की मजबूत मात्रा वृद्धि दर्ज की।
वाणिज्यिक वाहनों ने लगभग 12% Y-o-Y वृद्धि दर्ज की, जिसे प्रतिस्थापन मांग, बुनियादी ढांचा खर्च और बेड़े के स्वस्थ उपयोग से समर्थन मिला। ट्रैक्टर की मात्रा, सितंबर के रिकॉर्ड उच्च स्तर से क्रमिक रूप से moderating होने के बावजूद, अभी भी सकारात्मक साल-दर-साल वृद्धि प्रस्तुत करती है।
TVS मोटर कंपनी एक मजबूत उत्पाद पाइपलाइन, लगातार बाजार हिस्सेदारी लाभ, और बेहतर मार्जिन से लाभान्वित हो रही है, विश्लेषकों ने पूर्वानुमानों को अपग्रेड किया है। महिंद्रा एंड महिंद्रा ने एसयूवी में नेतृत्व और मजबूत ट्रैक्टर बिक्री से मजबूत प्रदर्शन दिया है, जिसमें मांग में निरंतर वृद्धि की उम्मीदें हैं।
प्रभाव: यह खबर भारतीय ऑटोमोबाइल क्षेत्र के लिए एक मजबूत सुधार और निरंतर वृद्धि का प्रतीक है, जिसका विनिर्माण, वित्त और लॉजिस्टिक्स जैसे संबंधित उद्योगों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। ऑटो शेयरों में निवेशकों का विश्वास बढ़ने की संभावना है, जिससे इस सेगमेंट की कंपनियों के बाजार प्रदर्शन को बढ़ावा मिल सकता है। प्रभाव रेटिंग: 8/10।
शीर्षक: कठिन शब्दों का स्पष्टीकरण • थोक बिक्री (Wholesale Volumes): निर्माताओं द्वारा अपने डीलरों को बेचे गए वाहनों की संख्या। • यात्री वाहन (PVs): कार, एसयूवी और वैन शामिल हैं। • वाणिज्यिक वाहन (CVs): ट्रक, बसें और व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए उपयोग किए जाने वाले अन्य वाहन शामिल हैं। • दोपहिया वाहन (2Ws): मोटरसाइकिल और स्कूटर शामिल हैं। • साल-दर-साल (Y-o-Y): पिछले वर्ष की समान अवधि से एक वर्ष के प्रदर्शन की तुलना। • यूटिलिटी वाहन (UVs): PVs का एक उप-खंड, जिसमें अक्सर एसयूवी और एमपीवी शामिल होते हैं। • इन्वेंट्री स्तर: एक डीलर के पास स्टॉक में वाहनों की संख्या। • खुदरा बिक्री (Retail Sales): डीलरों द्वारा अंतिम ग्राहकों को बेचे गए वाहनों की संख्या। • Ebitda मार्जिन: ब्याज, करों, मूल्यह्रास और परिशोधन को हिसाब में लेने से पहले कंपनी की परिचालन लाभप्रदता का माप। • चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR): एक वर्ष से अधिक की निर्दिष्ट अवधि में निवेश की औसत वार्षिक वृद्धि दर। • तेजी का त्योहारी सीजन (Bullish Festive Season): भारत के प्रमुख त्योहारी सीजन के दौरान उच्च उपभोक्ता खर्च और बिक्री की उम्मीदों वाला एक दौर।
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