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बॉश इंडिया की छलांग: Q2 में मुनाफा बढ़ा, भविष्य उज्ज्वल!

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Updated on 11 Nov 2025, 12:05 pm

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Reviewed By

Abhay Singh | Whalesbook News Team

Short Description:

बॉश इंडिया ने वित्त वर्ष 26 की दूसरी तिमाही के लिए 554 करोड़ रुपये के समेकित शुद्ध लाभ में साल-दर-साल 3.4% की वृद्धि दर्ज की है। परिचालन राजस्व 9.1% बढ़कर 4,795 करोड़ रुपये हो गया, जो यात्री कारों, ऑफ-हाईवे सेगमेंट में मजबूत मांग और नए उत्सर्जन मानदंडों के कारण दोपहिया वाहन व्यवसाय में महत्वपूर्ण वृद्धि से प्रेरित है। कंपनी निरंतर स्वस्थ मांग की उम्मीद कर रही है।
बॉश इंडिया की छलांग: Q2 में मुनाफा बढ़ा, भविष्य उज्ज्वल!

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Stocks Mentioned:

Bosch Limited

Detailed Coverage:

जर्मन इंजीनियरिंग दिग्गज की स्थानीय इकाई, बॉश इंडिया ने वित्त वर्ष 26 की दूसरी तिमाही के लिए अपने वित्तीय परिणाम घोषित किए हैं, जिसमें 554 करोड़ रुपये का समेकित शुद्ध लाभ दिखाया गया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 3.4% की वृद्धि है। परिचालन से राजस्व में भी 9.1% की स्वस्थ वृद्धि देखी गई, जो 4,795 करोड़ रुपये तक पहुंच गया।\n\nकंपनी ने इस प्रदर्शन का श्रेय यात्री कार और ऑफ-हाईवे क्षेत्रों में निरंतर मांग के साथ-साथ प्रमुख घटकों की बिक्री में वृद्धि को दिया है। विशेष रूप से, ऑटोमोटिव सेगमेंट की बिक्री 11.9% बढ़ी है, और पावर सॉल्यूशंस व्यवसाय 9.5% बढ़ा है। दोपहिया वाहन व्यवसाय में 81.8% की उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई, जिसका मुख्य कारण 1 अप्रैल, 2025 से आगामी OBD-II मानदंडों के कार्यान्वयन की तैयारी में एग्जॉस्ट गैस सेंसर की उच्च बिक्री है। मोबिलिटी आफ्टरमार्केट व्यवसाय ने भी 3.7% की वृद्धि के साथ योगदान दिया।\n\nउपभोग की गई सामग्रियों की लागत में वृद्धि के कारण कुल व्यय 8.9% बढ़ गया। बियॉन्ड मोबिलिटी व्यवसाय में शुद्ध बिक्री में 14.4% की गिरावट देखी गई, जो कुछ व्यावसायिक इकाइयों के विनिवेश का परिणाम है।\n\nआफ्टरमार्केट टर्नओवर पर जीएसटी 2.0 के कुछ प्रभाव के बावजूद, बॉश इंडिया आशावादी है और निरंतर गति की उम्मीद कर रहा है। कंपनी त्योहारी सीजन, जीएसटी युक्तिकरण और बेहतर ग्राहक भावना से प्रेरित होकर घटकों में स्वस्थ मांग की उम्मीद कर रही है।\n\nप्रभाव:\nयह खबर भारतीय ऑटोमोटिव कंपोनेंट्स क्षेत्र के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है। विकास के आंकड़े, विशेष रूप से प्रमुख क्षेत्रों में और सकारात्मक दृष्टिकोण, बॉश लिमिटेड और संभावित रूप से अन्य ऑटो सहायक कंपनियों के प्रति निवेशक भावना को प्रभावित कर सकते हैं। OBD-II जैसे नए मानदंडों के प्रति सफल अनुकूलन परिचालन ताकत को भी उजागर करता है।\nRating: 8/10\n\nDifficult Terms:\nConsolidated Net Profit: The total profit of a company after deducting all expenses, including those of its subsidiaries.\nYear-on-year (y-o-y): A comparison of financial or other data from one period to the same period in the previous year.\nOff-highway segment: Vehicles and machinery used in sectors like agriculture, construction, and mining, which do not operate on public roads.\nGST rationalisation: Adjustments or simplifications made to the Goods and Services Tax system to improve efficiency.\nOBD-II norms: On-Board Diagnostics standards for vehicles that require vehicles to self-monitor and report on their emissions control system performance.\nMobility Aftermarket: The market for replacement parts and services for vehicles after they have been sold by the manufacturer.\nBeyond Mobility: Business areas of Bosch that are not directly related to traditional automotive components and systems.


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