टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स लिमिटेड ने सितंबर तिमाही के लिए ₹6,370 करोड़ का शुद्ध घाटा दर्ज किया है, जो पिछले साल के मुनाफे से एक बड़ा उलटफेर है। यह डीमर्जर के बाद के पहले नतीजे हैं। चिंता का एक मुख्य कारण जगुआर लैंड रोवर (JLR) के EBIT मार्जिन गाइडेंस को 5-7% से घटाकर 0-2% करना है। अब फ्री कैश फ्लो भी £2.5 बिलियन तक नकारात्मक रहने का अनुमान है। साइबर हमले से प्रभावित होकर राजस्व में भी साल-दर-साल 14% की गिरावट आई।
टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स लिमिटेड (TMPVL) ने अपने वाणिज्यिक वाहन (commercial vehicles) व्यवसाय के डीमर्जर के बाद पहली तिमाही के नतीजे घोषित किए हैं। इसके अनुसार, सितंबर तिमाही में ₹6,370 करोड़ का भारी शुद्ध घाटा हुआ है। यह पिछले साल की इसी अवधि में दर्ज ₹3,056 करोड़ के शुद्ध मुनाफे के बिल्कुल विपरीत है। सबसे महत्वपूर्ण विकास जगुआर लैंड रोवर (JLR), जो कि कंपनी का लक्जरी कार डिवीजन है, के EBIT मार्जिन गाइडेंस में की गई भारी कटौती है। अनुमानित EBIT मार्जिन को पहले के 5% से 7% के अनुमान से घटाकर 0% से 2% कर दिया गया है। इसके परिणामस्वरूप, JLR अब £2.5 बिलियन तक नकारात्मक फ्री कैश फ्लो (free cash flow) की उम्मीद कर रहा है। JLR पर हुए साइबर हमले ने भी तिमाही के एक महत्वपूर्ण हिस्से में उत्पादन को बाधित किया, जिसका समायोजित शुद्ध घाटे पर ₹2,008 करोड़ का प्रभाव पड़ा। ऐसे असाधारण मदों (exceptional items) को छोड़कर, TMPVL का शुद्ध घाटा ₹5,462 करोड़ रहा, जबकि पिछले साल ₹4,777 करोड़ का मुनाफा था। कुल राजस्व (revenue) साल-दर-साल 14% घटकर ₹72,349 करोड़ हो गया। कंपनी ने ₹1,404 करोड़ का EBITDA घाटा भी दर्ज किया, जो पिछले साल की तिमाही के ₹9,914 करोड़ के EBITDA लाभ से काफी कम है। विदेशी मुद्रा उतार-चढ़ाव (Foreign exchange fluctuations) के कारण ₹361 करोड़ का फॉरेक्स लॉस (forex loss) हुआ, जबकि पिछले साल लाभ था। कम वॉल्यूम के कारण फ्री कैश फ्लो ₹8,300 करोड़ नकारात्मक रहा। स्टैंडअलोन नतीजों (standalone results) में ₹237 करोड़ का शुद्ध घाटा दिखाया गया, जबकि पिछले साल ₹15 करोड़ का मुनाफा था। प्रभाव: यह खबर टाटा मोटर्स के शेयर की कीमत (stock price) पर महत्वपूर्ण नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है, क्योंकि शुद्ध घाटा काफी बड़ा है और JLR की लाभप्रदता (profitability) और कैश फ्लो आउटलुक में गंभीर गिरावट आई है। निवेशक परिचालन चुनौतियों (operational challenges) और भविष्य की लाभप्रदता के बारे में चिंतित होंगे। ऑटो सेक्टर, विशेष रूप से लक्जरी सेगमेंट, में भी भावना (sentiment) प्रभावित हो सकती है।