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Updated on 06 Nov 2025, 05:44 am
Reviewed By
Akshat Lakshkar | Whalesbook News Team
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जापानी ऑटोमेकर्स टोयोटा, होंडा और सुजुकी भारत में 11 अरब डॉलर से अधिक का निवेश कर रहे हैं, जिससे इसे चीन पर निर्भरता कम करने के लिए एक प्रमुख विनिर्माण और निर्यात केंद्र बनाया जा रहा है। टोयोटा बढ़ी हुई क्षमता और एक नए संयंत्र के लिए 3 अरब डॉलर से अधिक का निवेश करेगा, जिसका लक्ष्य सालाना 10 लाख वाहन होगा। सुजुकी, मारुति सुजुकी के माध्यम से, अपनी बाजार नेतृत्व और निर्यात को बढ़ाने के लिए उत्पादन क्षमता को 40 लाख कारों तक बढ़ाने के लिए 8 अरब डॉलर का प्रतिबद्धता करता है। होंडा का लक्ष्य भारत को अपनी इलेक्ट्रिक कारों (ईवी) के लिए एक निर्यात आधार बनाना है, जो 2027 से एशिया को मॉडल निर्यात करेगा। चीन से यह रणनीतिक बदलाव वहां की तीव्र प्रतिस्पर्धा और कम लाभप्रदता के कारण है, साथ ही भारत की कम लागत, श्रम की उपलब्धता, सरकारी प्रोत्साहन और चीनी ईवी के खिलाफ संरक्षणवादी नीतियां भी कारण हैं। Impact: यह पर्याप्त निवेश भारत के ऑटोमोटिव क्षेत्र को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ावा देने, रोजगार पैदा करने, विनिर्माण क्षमता बढ़ाने और निर्यात मात्रा बढ़ाने की उम्मीद है, जिससे आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा और भारत की वैश्विक ऑटो आपूर्ति श्रृंखला में स्थिति मजबूत होगी। रेटिंग: 9/10। Difficult Terms: * Supply Chains (आपूर्ति श्रृंखलाएं): किसी उत्पाद के निर्माण और वितरण में शामिल संगठनों और प्रक्रियाओं का नेटवर्क। * EVs (Electric Vehicles - इलेक्ट्रिक वाहन): पूरी तरह से बिजली से चलने वाले वाहन। * Manufacturing Hub (विनिर्माण हब): ऐसा क्षेत्र जहाँ औद्योगिक उत्पादन की महत्वपूर्ण क्षमताएँ हों। * Localized (स्थानीयकृत): किसी विशेष स्थानीय बाजार की ज़रूरतों और प्राथमिकताओं के अनुसार अनुकूलित। * Tariffs (टैरिफ): आयातित वस्तुओं पर लगाए जाने वाले कर। * Protectionist Stance (संरक्षणवादी रुख): ऐसी नीतियां जो विदेशी उद्योगों की तुलना में घरेलू उद्योगों का पक्ष लेती हैं।