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ई-ट्रक और बसों के लिए बड़े बजट का बदलाव: क्या भारत की EV प्रोत्साहन पहल में देरी? ऑटोमेकर्स के लिए इसका क्या मतलब है!

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Updated on 14th November 2025, 8:43 AM

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Author

Akshat Lakshkar | Whalesbook News Team

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Crux:

भारी उद्योग मंत्रालय ने वित्त मंत्रालय से ई-ट्रक और ई-बस खरीद के लिए प्रोत्साहन राशि के आवंटन को अगले वित्तीय वर्ष तक के लिए स्थगित करने का अनुरोध किया है। चूंकि सरकार ने घटक स्थानीयकरण नियमों (component localization norms) के अनुमोदन और ई-बस टेंडर प्रक्रियाओं में देरी के कारण पीएम ई-ड्राइव (PM E-Drive) योजना को FY28 तक बढ़ा दिया है, इसलिए अभी तक कोई प्रोत्साहन राशि वितरित नहीं की गई है। यह बदलाव इलेक्ट्रिक वाणिज्यिक वाहनों (electric commercial vehicles) की तत्काल शुरुआत को प्रभावित करता है।

ई-ट्रक और बसों के लिए बड़े बजट का बदलाव: क्या भारत की EV प्रोत्साहन पहल में देरी? ऑटोमेकर्स के लिए इसका क्या मतलब है!

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Detailed Coverage:

भारी उद्योग मंत्रालय ने वित्त मंत्रालय से चालू वित्तीय वर्ष से ई-ट्रक और ई-बस की खरीद को प्रोत्साहित करने वाले वित्तीय प्रोत्साहनों के लिए बजट आवंटन को अगले वर्ष तक स्थानांतरित करने के लिए कहा है। यह कदम ऐसे समय में आया है जब अब तक कोई प्रोत्साहन राशि वितरित नहीं की गई है। सरकार ने पीएम ई-ड्राइव (PM E-Drive) योजना, जो FY24 से FY26 तक ₹4,891 करोड़ के परिव्यय (outlay) के साथ चलने वाली थी, को दो साल बढ़ाकर FY28 तक कर दिया है। यह विस्तार निर्माताओं द्वारा घटक स्थानीयकरण नियमों (component localization norms) के अनुमोदन की प्रतीक्षा और ई-बस निविदा (tender) प्रक्रियाओं में देरी के कारण है। मूल उपकरण निर्माताओं (OEMs - Original Equipment Manufacturers) को स्थानीयकरण मानदंडों को पूरा करने और आपूर्ति श्रृंखला (supply chain) संबंधी मुद्दों से निपटने में चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। इलेक्ट्रिक बसें और भारी ट्रक अपने डीजल समकक्षों की तुलना में काफी महंगे हैं, जिनकी लागत दो से तीन गुना अधिक आती है, जिससे सरकार की सब्सिडी को अपनाना महत्वपूर्ण हो जाता है। वर्तमान में, किसी भी ई-ट्रक या ई-बस मॉडल को प्रोत्साहन के लिए सरकारी मंजूरी नहीं मिली है।

प्रभाव यह खबर इलेक्ट्रिक वाणिज्यिक वाहनों (electric commercial vehicles) के लिए वित्तीय सहायता में अल्पकालिक देरी का संकेत देती है, जो उनके तत्काल बाजार प्रवेश (market penetration) को धीमा कर सकती है। समय पर सब्सिडी के बिना निर्माताओं को लंबे समय तक वित्तीय दबाव का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि, FY28 तक योजना का विस्तार सरकार की ओर से दीर्घकालिक स्पष्टता और प्रतिबद्धता प्रदान करता है, जिससे इस क्षेत्र के लिए अंततः समर्थन सुनिश्चित होता है। इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र में निवेशकों को, विशेष रूप से वाणिज्यिक परिवहन पर ध्यान केंद्रित करने वालों को, इस समय-सीमा परिवर्तन के बारे में पता होना चाहिए। रेटिंग: 6/10

परिभाषाएँ * स्थानीयकरण नियम (Localization norms): ये सरकारी नियम हैं जो निर्माताओं को आयात करने के बजाय किसी उत्पाद के घटकों का एक निश्चित प्रतिशत घरेलू स्तर पर उत्पादित करने की आवश्यकता होती है। इसका उद्देश्य स्थानीय विनिर्माण को बढ़ावा देना है। * OEMs (Original Equipment Manufacturers): वे कंपनियाँ जो तैयार उत्पाद, जैसे वाहन, बनाती हैं, पुर्जों और घटकों का उपयोग करके। * सकल वाहन भार (GVW - Gross Vehicle Weight): निर्माता द्वारा निर्दिष्ट वाहन का अधिकतम परिचालन भार, जिसमें वाहन का चेसिस, बॉडी, इंजन, तरल पदार्थ, ईंधन, सहायक उपकरण, ड्राइवर, यात्री और कार्गो शामिल है। इसका उपयोग भारी-भरकम वाहनों को वर्गीकृत करने के लिए किया जाता है।


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