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नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने सुजुकी मोटर गुजरात प्राइवेट लिमिटेड (SMG) को उसकी मूल कंपनी, मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड (MSI) के साथ विलय करने की मंजूरी दे दी है। NCLT की दिल्ली स्थित प्रधान पीठ ने दोनों संस्थाओं द्वारा दायर संयुक्त याचिका को मंजूरी दी, जिसमें विलय योजना के प्रभावी होने की निर्धारित तिथि 1 अप्रैल, 2025 तय की गई है। ट्रिब्यूनल ने कहा कि यह विलय दोनों कंपनियों, उनके शेयरधारकों, ऋणदाताओं (creditors) और कर्मचारियों के सर्वोत्तम हित में है, और इसे मंजूरी देने में कोई बाधा नहीं पाई गई। महत्वपूर्ण बात यह है कि आयकर विभाग (Income Tax Department), आधिकारिक समनुदेशक (Official Liquidator), भारतीय रिजर्व बैंक (RBI), भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI), बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE), और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) सहित वैधानिक प्राधिकरणों (statutory authorities) ने कोई आपत्ति नहीं जताई। स्वीकृत योजना के तहत, सुजुकी मोटर गुजरात को समापन (winding-up) प्रक्रिया की आवश्यकता के बिना भंग कर दिया जाएगा। कंपनियों ने कहा कि इस विलय से केंद्रित विकास, बेहतर परिचालन दक्षता और बढ़ी हुई व्यावसायिक तालमेल (business synergies) होगी। इसके प्रमुख लाभों में समूह की संरचना का सरलीकरण, प्रशासनिक दोहराव (administrative duplications) का उन्मूलन जिससे लागत कम होगी, सुविधाओं का बेहतर उपयोग, और शेयरधारक मूल्य को अधिकतम करने के लिए संसाधनों का युक्तिकरण (rationalisation) शामिल है। सुजुकी मोटर गुजरात के सभी कर्मचारी विलय की प्रभावी तिथि पर मारुति सुजुकी इंडिया के कर्मचारी बन जाएंगे। जापान की सुजुकी मोटर कॉर्पोरेशन की मारुति सुजुकी इंडिया में महत्वपूर्ण हिस्सेदारी है। प्रभाव: इस विलय से संचालन को सुव्यवस्थित करने, लागत दक्षता में सुधार करने और मारुति सुजुकी इंडिया की समग्र बाजार स्थिति और चपलता (agility) को मजबूत करने की उम्मीद है। यह भारत में मारुति सुजुकी समूह के भीतर विनिर्माण और कॉर्पोरेट कार्यों के अधिक एकीकरण की दिशा में एक कदम का प्रतीक है। रेटिंग: 8/10।