Aerospace & Defense
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Updated on 14th November 2025, 12:46 AM
Author
Satyam Jha | Whalesbook News Team
भारत का ड्रोन और एयरोस्पेस क्षेत्र तेज़ी से बढ़ रहा है, जिसे मजबूत नीतिगत समर्थन, रक्षा आधुनिकीकरण और स्वदेशी तकनीक की वैश्विक मांग से बढ़ावा मिल रहा है। प्रिसिशन इंजीनियरिंग इस क्रांति की रीढ़ है, जो ड्रोन, विमान और निगरानी प्रणालियों में उन्नत क्षमताएं प्रदान कर रही है। पांच प्रमुख कंपनियां - हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, भारत फोर्ज, लार्सन एंड टुब्रो, और जेन टेक्नोलॉजीज - को इस बढ़ते क्षेत्र में उनके महत्वपूर्ण योगदान और निर्यात तत्परता के लिए उजागर किया गया है।
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भारत का ड्रोन और एयरोस्पेस क्षेत्र तेज़ी से ऊंचाइयां छू रहा है, आसमान को पक्षियों और विमानों के प्रभुत्व से बदलकर डिलीवरी, मैपिंग और निगरानी के लिए उड़ते (buzzing) ड्रोन से भरा परिदृश्य बना रहा है। यह वृद्धि सहायक सरकारी नीतियों, आधुनिक रक्षा बलों और भारतीय निर्मित तकनीक की बढ़ती वैश्विक मांग से प्रेरित है। इस उन्नति के केंद्र में **प्रिसिशन इंजीनियरिंग (Precision Engineering)** है, जिसमें प्रोपेलर, सेंसर, रडार मॉड्यूल और फ्लाइट सिमुलेटर जैसे घटकों के निर्माण में सूक्ष्म सटीकता शामिल होती है। यह इंजीनियरिंग उत्कृष्टता सुनिश्चित करती है कि मशीनें ऊंची उड़ान भरें, तेज़ी से प्रतिक्रिया दें, और जटिल मिशनों को विश्वसनीय रूप से पूरा करें। यह लेख इस पारिस्थितिकी तंत्र के लिए महत्वपूर्ण पांच कंपनियों पर प्रकाश डालता है: * **हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स (HAL)**: विमानों और हेलीकॉप्टरों का निर्माण और मरम्मत करता है, उत्पादन बढ़ाने के लिए भारी निवेश कर रहा है और नागरिक एयरफ्रेम निर्माण में प्रवेश कर रहा है। इसने हाल ही में एलसीए तेजस एमके-1ए के लिए ₹62,370 करोड़ का एक महत्वपूर्ण अनुबंध हासिल किया है। * **भारत इलेक्ट्रॉनिक्स (BEL)**: एयरोस्पेस, रडार और मान रहित प्रणालियों में एक प्रमुख खिलाड़ी है, जिसके पास ₹75,600 करोड़ की ऑर्डर बुक है। यह प्रोजेक्ट कुशा जैसी परियोजनाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और निर्यात बढ़ा रहा है। * **भारत फोर्ज**: ₹9,467 करोड़ की ऑर्डर बुक के साथ अपने एयरोस्पेस और रक्षा वर्टिकल को मजबूत कर रहा है, जो एयरो-इंजन पार्ट्स और यूएवी (UAV) कंपोनेंट्स जैसे उच्च-मूल्य वाले घटकों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। * **लार्सन एंड टुब्रो (L&T)**: साझेदारी और अपने हाई-टेक मैन्युफैक्चरिंग सेगमेंट में मजबूत ऑर्डर वृद्धि के माध्यम से अपनी भूमिका को गहरा कर रहा है, जिसके प्रिसिशन इंजीनियरिंग एंड सिस्टम्स सेगमेंट का ऑर्डर बुक ₹32,800 करोड़ है। * **जेन टेक्नोलॉजीज**: कॉम्बैट ट्रेनिंग और काउंटर-ड्रोन समाधानों को डिज़ाइन और निर्मित करता है, रणनीतिक अधिग्रहणों के माध्यम से विस्तार कर रहा है और ₹289 करोड़ के रक्षा अनुबंध सुरक्षित कर रहा है। **Impact**: इस खबर का भारतीय शेयर बाजार और भारतीय व्यवसायों पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है, विशेष रूप से रक्षा और एयरोस्पेस विनिर्माण क्षेत्रों में। यह उन्नत प्रौद्योगिकी निर्माण में भारत की बढ़ती आत्मनिर्भरता और वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता, विकास क्षमता और निवेश के अवसरों पर प्रकाश डालता है। क्षेत्र की वृद्धि हार्डवेयर असेंबली से उच्च-मूल्य वाली इंजीनियरिंग की ओर एक बदलाव का संकेत देती है, जो संभावित रूप से आर्थिक विकास और राष्ट्रीय सुरक्षा को बढ़ावा दे सकती है। **Rating**: 8/10.