Aerospace & Defense
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Updated on 13 Nov 2025, 01:37 pm
Reviewed By
Aditi Singh | Whalesbook News Team
2022 में आदित्य सिंह, दिव्यम और रजत चौधरी द्वारा स्थापित त्रिशूल स्पेस, रॉकेट इंजन विकास के जटिल क्षेत्र में प्रगति कर रहा है। कंपनी ने ₹4 करोड़ का एक महत्वपूर्ण प्री-सीड फंडिंग राउंड सुरक्षित किया है, जिसमें IAN एंजल फंड ने नेतृत्व किया और 8X वेंचर्स और ITEL ने भी भाग लिया। यह पूंजी निवेश उन्नत टर्बोपंप तकनीक के महत्वपूर्ण अनुसंधान और परीक्षण को निधि देने के लिए विशेष रूप से आवंटित किया गया है। मुख्य लक्ष्य छोटे उपग्रह प्रक्षेपण यानों के लिए एक उच्च-प्रदर्शन वाला लिक्विड रॉकेट इंजन, हार्पी-1 का विकास और व्यावसायीकरण में तेजी लाना है। त्रिशूल स्पेस रॉकेट इंजन बनाने से जुड़ी महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना करना चाहती है, जो कुख्यात रूप से महंगी, समय लेने वाली और तकनीकी रूप से जटिल होती हैं। उनके दृष्टिकोण में स्टेज़्ड कम्बशन साइकिल पर आधारित लागत-प्रभावी, तैयार-से-उपयोग लिक्विड रॉकेट इंजन बनाना शामिल है, और इसमें AI-संचालित विफलता पहचान तंत्र भी शामिल है। यह रणनीति निजी और सरकारी प्रक्षेपण यान निर्माताओं के लिए विकास समय, जटिलता और लागत को काफी कम करने के लिए डिज़ाइन की गई है, जिससे अंतरिक्ष तक पहुंच बढ़ेगी। यह फंडिंग भारत के तेजी से बढ़ते निजी अंतरिक्ष पारिस्थितिकी तंत्र के लिए एक महत्वपूर्ण विकास है। प्रवेश बाधाओं को कम करके और उन्नत, किफायती प्रणोदन समाधान प्रदान करके, त्रिशूल स्पेस नए खिलाड़ियों को बाजार में अधिक तेज़ी से और लागत प्रभावी ढंग से प्रवेश करने में मदद कर सकती है। यह सीधे तौर पर वैश्विक छोटे और मध्यम-लिफ्ट प्रक्षेपण यान बाजार का समर्थन करता है, जिसका अनुमान 2030 तक $15 बिलियन से अधिक होने का है, जिसमें प्रणोदन प्रणालियाँ लागत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा दर्शाती हैं। यह नवाचार वैश्विक अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत की प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ा सकता है। रेटिंग: 7/10।