पुतिन की भारत यात्रा से रक्षा क्षेत्र में बड़ा उछाल: सीक्रेट फाइटर जेट्स और एस-400 टेक्नोलॉजी ट्रांसफर!
Overview
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा 'मेक इन इंडिया' रक्षा क्षेत्र को एक बड़ा बढ़ावा देने का वादा करती है। चर्चाओं में उन्नत सुखोई Su-57 स्टेल्थ फाइटर और विस्तारित S-400 वायु रक्षा प्रणाली शामिल हैं, जिसमें पूर्ण प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और संयुक्त उत्पादन की संभावना है, जो भारत की रक्षा विनिर्माण क्षमताओं को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाएगा और AMCA जैसी भविष्य की स्वदेशी लड़ाकू जेट परियोजनाओं के लिए तैयार करेगा।
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पुतिन की भारत यात्रा: रक्षा विनिर्माण का नया युग
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की हाल की भारत यात्रा ने राष्ट्र की रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम को चिह्नित किया है। उच्च-स्तरीय चर्चाओं से महत्वपूर्ण रक्षा सौदों, जिसमें उन्नत लड़ाकू विमान और वायु रक्षा प्रणाली शामिल हैं, का मार्ग प्रशस्त होने की उम्मीद है, जो 'मेक इन इंडिया' पहल को और बल देगा।
प्रमुख रक्षा सौदे
- पांचवीं पीढ़ी के सुखोई Su-57 स्टेल्थ फाइटर और अतिरिक्त S-400 वायु रक्षा प्रणालियों जैसे प्रमुख रक्षा प्लेटफार्मों पर चर्चा केंद्रित है।
- भारत और रूस ने 2018 में S-400 प्रणाली की पांच इकाइयों के लिए समझौता किया था, जिसका मूल्य लगभग 5 बिलियन डॉलर था, जिसमें से तीन अब तक वितरित की जा चुकी हैं।
- सूत्रों का संकेत है कि पांच और S-400 स्क्वाड्रन और अगली पीढ़ी की S-500 प्रोमेथियस एयर शील्ड हासिल करने की योजना है।
उन्नत S-500 प्रोमेथियस प्रणाली
- S-500 प्रणाली, S-400 का एक उन्नत संस्करण, उच्च ऊंचाई, बैलिस्टिक मिसाइलों और हाइपरसोनिक खतरों को लक्षित कर सकती है, और निम्न-कक्षा उपग्रहों को भी बेअसर कर सकती है।
- भारतीय वायु सेना और डीआरडीओ (DRDO) की एक संयुक्त टीम ने हाल ही में रूस का दौरा कर S-500 प्रणाली का निरीक्षण किया था।
प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और संयुक्त उत्पादन
- रूस, लॉन्च वाहनों, कमांड पोस्ट और रडार जैसे घटकों के लिए S-500 हेतु पूर्ण प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और संयुक्त उत्पादन अधिकार प्रदान करने को तैयार बताया जा रहा है।
- यह सहयोग ब्रह्मोस मिसाइल संयुक्त उद्यम की तरह निर्यात तक विस्तारित हो सकता है।
- Su-57 लड़ाकू विमानों के लिए भी बातचीत तेज हो रही है, जिसमें रूस इंजनों, रडारों और स्टेल्थ सामग्री सहित महत्वपूर्ण घटकों के लिए प्रौद्योगिकी हस्तांतरण पर सहमत हो सकता है।
भारत की स्वदेशी लड़ाकू जेट महत्वाकांक्षाएँ (AMCA)
- यह खबर भारत की 'मेड इन इंडिया' पांचवीं पीढ़ी की स्टेल्थ फाइटर जेट परियोजना, एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) का समर्थन करती है।
- सार्वजनिक क्षेत्र की हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) और टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स, कल्याणी ग्रुप और L&T जैसी निजी फर्में AMCA परियोजना के लिए बोली लगा रही हैं।
- AMCA को 5.5-पीढ़ी के ट्विन-इंजन फाइटर के रूप में देखा जा रहा है, जिसके प्रोटोटाइप 2027 तक और उत्पादन 2035 तक अपेक्षित हैं।
- Su-57 प्रौद्योगिकी प्राप्त करना, AMCA क्षमताओं को विकसित करने और भारत के स्वदेशी लड़ाकू विमानों के परिचालन में आने तक के अंतर को भरने के लिए एक पुल के रूप में देखा जा रहा है।
भारत-रूस रक्षा संबंधों का संदर्भ
- रूस ऐतिहासिक रूप से भारत का प्रमुख रक्षा उपकरण आपूर्तिकर्ता रहा है, जो 2020-24 में लगभग 36% आयात के लिए जिम्मेदार था।
- हालांकि, 'मेक इन इंडिया' और आपूर्तिकर्ताओं के विविधीकरण के कारण रूस से आयात में कमी आई है, जो 55% (2015-19) और 72% (2010-14) थे।
- भारतीय वायु सेना वर्तमान में अपनी स्वीकृत संख्या से कम क्षमता पर काम कर रही है, जो नई खरीद और स्वदेशी विकास की आवश्यकता को दर्शाता है।
प्रभाव
- यह सहयोग 'मेक इन इंडिया' और 'आत्मनिर्भर भारत' पहलों के तहत स्वदेशी क्षमताओं को बढ़ावा देकर भारत के रक्षा विनिर्माण क्षेत्र को महत्वपूर्ण बढ़ावा देगा।
- यह उन्नत रक्षा प्लेटफार्मों और प्रौद्योगिकी तक पहुंच के माध्यम से राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने का वादा करता है।
- सफल संयुक्त उत्पादन भारत के लिए निर्यात के अवसर ला सकता है, राजस्व उत्पन्न कर सकता है और इसे एक रक्षा विनिर्माण केंद्र के रूप में मजबूत कर सकता है।
- प्रभाव रेटिंग: 8/10
कठिन शब्दों की व्याख्या
- स्टेल्थ फाइटर: ऐसे विमान जो रडार और अन्य पहचान प्रणालियों द्वारा पता लगाने योग्य न होने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं, जिससे उन्हें ट्रैक करना और उन पर हमला करना मुश्किल हो जाता है।
- वायु रक्षा प्रणाली: सैन्य तकनीक जिसका उपयोग दुश्मन के विमानों, मिसाइलों और अन्य हवाई खतरों का पता लगाने, रोकने और नष्ट करने के लिए किया जाता है।
- प्रौद्योगिकी हस्तांतरण: दो या दो से अधिक संस्थाओं या देशों के बीच तकनीकी ज्ञान, विशेषज्ञता और बौद्धिक संपदा साझा करने की प्रक्रिया।
- संयुक्त उत्पादन: दो या दो से अधिक संस्थाओं या देशों के बीच मिलकर एक उत्पाद का निर्माण करने का सहयोग, जिसमें अक्सर साझा संसाधन और तकनीक शामिल होती है।
- हाइपरसोनिक ग्लाइड वाहन: उन्नत मिसाइलें जो ध्वनि की गति से पांच गुना (Mach 5) से अधिक गति से यात्रा कर सकती हैं और अप्रत्याशित रूप से पैंतरेबाज़ी कर सकती हैं।
- निम्न-कक्षा उपग्रह: पृथ्वी की परिक्रमा करने वाले उपग्रह जो अपेक्षाकृत कम ऊंचाई पर परिक्रमा करते हैं।
- 5.5-पीढ़ी के फाइटर जेट: लड़ाकू विमानों के लिए एक उन्नत पदनाम जो वर्तमान 4.5 पीढ़ी के जेट और भविष्य की 5वीं पीढ़ी की क्षमताओं के बीच सेतु का काम करता है, जिसमें अक्सर उन्नत AI और सेंसर फ्यूजन जैसे पहलू शामिल होते हैं।
- आत्मनिर्भर भारत: एक हिंदी शब्द जिसका अर्थ है 'आत्मनिर्भर भारत', घरेलू विनिर्माण और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने की एक पहल।

